
MGNREGA Replacement Bill 2025 Lok Sabha Passed: लोकसभा से विकसित भारत-रोज़गार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) यानी VB-G RAM G विधेयक 2025 पास हो गया है। इस बिल के पास होते ही संसद में ज़बरदस्त हंगामा हुआ और देशभर में चर्चा तेज़ हो गई। यह कानून मनरेगा की जगह लाया गया है और इसमें 100 दिन के बजाय 125 दिन रोजगार की गारंटी देने का प्रावधान है। सरकार इसे विकसित भारत 2047 के विज़न से जोड़कर देख रही है, जबकि विपक्ष इसका विरोध कर रहा है।
‘जी राम जी’ एक नया ग्रामीण रोजगार कानून है, जिसका मकसद गांवों में रोज़गार के अवसर बढ़ाना और आजीविका को मज़बूत करना है। सरकार का कहना है कि यह बिल केवल रोज़गार नहीं देगा, बल्कि गांवों को आत्मनिर्भर और विकासशील बनाएगा। कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान के अनुसार, यह कानून ग्रामीण विकास को ज्यादा प्रभावी, परिणामोन्मुख और लंबे समय तक टिकाऊ बनाएगा।
मनरेगा में जहां 100 दिन के रोज़गार की गारंटी थी, वहीं ‘जी राम जी’ बिल में इसे 125 दिन कर दिया गया है। इसके साथ-साथ
सरकार का दावा है कि इससे ग्रामीण इलाकों में पलायन कम होगा और स्थानीय स्तर पर रोज़गार मिलेगा।
बिल के नाम और मनरेगा की जगह नए कानून को लेकर विपक्ष ने ज़ोरदार विरोध किया। कागज़ फाड़े गए और नारेबाज़ी हुई। इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा, “आपको देश की जनता ने कागज फेंकने के लिए नहीं, चर्चा करने के लिए भेजा है।”
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि “बापू हमारी श्रद्धा, आस्था और प्रेरणा हैं।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राम नाम का विरोध कांग्रेस की सोच में ही है। भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लाया गया ‘जी राम जी’ बिल गरीब कल्याण को समर्पित है और इसका विरोध पूरी तरह बेबुनियाद है।
उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री ओ.पी. राजभर ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि “महात्मा गांधी का नाम हटने से उनका कद छोटा नहीं होगा। जब तक धरती रहेगी, गांधी जी अमर रहेंगे।” ‘विकसित भारत – जी राम जी’ विधेयक ग्रामीण भारत के लिए एक बड़ा बदलाव साबित हो सकता है। जहां सरकार इसे रोज़गार और विकास का नया मॉडल बता रही है, वहीं विपक्ष इसे राजनीतिक मुद्दा बना रहा है। आने वाला समय बताएगा कि यह बिल गांवों की तस्वीर कितनी बदल पाता है।