गुड़गांव में करोड़ों की लूट के कथित मास्टरमाइंड और मोस्ट वांटेड गैंगस्टर विकास लगरपुरिया(Vikas Lagarpuria) को अरेस्ट कर लिया गया है। उसे दुबई से आने के बाद बुधवार देर रात केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय (IGI) हवाई अड्डे से हिरासत में लिया।
नई दिल्ली. गुड़गांव में करोड़ों की लूट के कथित मास्टरमाइंड और मोस्ट वांटेड गैंगस्टर विकास लगरपुरिया(wanted gangster Vikas Lagarpuria) को अरेस्ट कर लिया गया है। उसे दुबई से आने के बाद बुधवार देर रात केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय (IGI) हवाई अड्डे से हिरासत में लिया। हरियाणा के झज्जर के बादली गांव के रहने वाले लगरपुरिया पर हत्या, हत्या के प्रयास, डकैती, जबरन वसूली और अपहरण सहित 30 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं। पढ़िए पूरी डिटेल्स...
केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के साथ कॉर्डिनेशन के बाद हरियाणा पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स की एक टीम ने लगरपुरिया को हिरासत में लिया है। 2020 में स्पेशल सेल ने गैंगस्टर के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया था। वहीं, इसी साल हरियाणा एसटीएफ ने कहा था कि उसके खिलाफ पहली प्राथमिक रिपोर्ट (FIR) दर्ज की गई थी, जब पता चला कि उसने फर्जी पासपोर्ट के जरिये विदेश यात्रा की थी। भारतीय अधिकारियों ने इंटरपोल से लगरपुरिया के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस (आरसीएन) जारी करने का अनुरोध किया था।
गुड़गांव में करोड़ों की चोरी की जांच कर रही हरियाणा पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स को केंद्रीय खुफिया एजेंसियों से पता चला था कि लगरपुरिया को दुबई से भागने की कोशिश करते समय पकड़ा गया था, जहां वह छिपा हुआ था। हालांकि, तब वह बच निकला और बाद में फिर पकड़ा गया। अधिकारियों ने कहा कि इससे उनके निर्वासन में देरी हुई है, क्योंकि दुबई पुलिस उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की योजना बना रही है। इसके खिलाफ मकोका(MCOCA) के तहत भी मामला दर्ज किया गया था। बता दें कि मकोका एक्ट तब लगता है, जब अपराधी ने जबरन वसूली, फिरौती, हत्या, अपरहण, धमकी उगाही जैसे जुर्म किए हों। इस तरह से गैर कानूनी काम करके पैसा बनाया हो।
करोड़ों की चोरी का मामला 21 अगस्त, 2021 दर्ज किया गया था। पुलिस की जांच में पाया गया है कि 4 अगस्त, 2021 को गुड़गांव के सेक्टर 84 स्थित अल्फा जी कॉर्प मैनेजमेंट सविर्सेस के कार्यालय / फ्लैट से कम से कम 30 करोड़ रुपये की चोरी हुई थी। इस मामले में गैंगस्टर के गुर्गों और दिल्ली पुलिस के एक एएसआई सहित कम से कम 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इनसे विदेशी मुद्रा और सोने सहित 5.78 करोड़ रुपये बरामद किए गए थे। जांच के दौरान यह भी पाया गया कि लगरपुरिया ने एक अन्य मुख्य आरोपी डॉ. सुचेंद्र जैन नवल के साथ मिलकर कथित तौर पर चोरी की योजना बनाई थी। जांच में यह भी पता चला कि गिरफ्तार एएसआई विकास गुलिया लगरपुरिया का बचपन का दोस्त था और कथित तौर पर उसे दिल्ली पुलिस से पनाह मिली थी।
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