
कोलकाता. प बंगाल में 2 मई को विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित किए गए। टीएमसी पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने में कामयाब हुई। लेकिन इस चुनाव में लोकतंत्र की दो ऐसी खूबसूरत कहानियां सामने आईं। जिनकी हर तरफ चर्चा है। जहां एक और प बंगाल के बांकुड़ा से झोपड़ी में रहने वालीं भाजपा उम्मीदवार चंदना बाउरी चुनाव जीतीं। तो टीएमसी को तीसरी बार सत्ता तक पहुंचाने वाली ममता बनर्जी नंदीग्राम से हार गईं।
चंदना बाउरी:
चंदना बाउरी बांकुड़ा जिले की सालतोड़ा सीट से उम्मीदवार थीं। यह उनका पहला चुनाव था। वे इसे जीतकर विधानसभा पहुंचीं। उन्होंने टीएमसी के संतोष कुमार मंडल को मात दी। बाउरी के गरीब परिवार से आती हैं। इतना गरीब कि वे अन्य उम्मीदवारों की तुलना में चुनाव प्रचार भी नहीं कर सकती थीं। इसके बावजूद जनता ने उन्हें वोट के रूप में अपना आशीर्वाद दिया।
चंदना बाउरी के पास चुनाव लड़ते वक्त मात्र 6,335 रु थे। जबकि उनके पति के खाते में 1561 रु। चुनावी हलफनामे के मुताबिक, चंदना के पास 31,985, जबकि पति के पास ₹ 30,311 की संपत्ति है। इतना ही नहीं दोनों के पास कोई कृषि भूमि, कार या ऐसा कुछ भी नहीं। चंदना के पति मजदूरी करके अपना परिवार चलाते हैं। उनके पास तीन गाय, तीन बकरियां हैं। वे झोपड़ी में अपने तीन बच्चों के साथ रहती हैं। चंदना को हाल ही में केंद्र की पीएम आवास योजना के तहत आवास के लिए राशि मिली है। इसी से वे पक्का मकान बना रही हैं।
पीएम मोदी ने की थी तारीफ
पीएम मोदी अपनी जनसभाओं में चंदना का जिक्र कर चुके हैं। पीएम ने चंदना की तारीफ भी की थी। 2011 में टीएमसी की सरकार आने पर हुए उत्पीड़न के बाद चंदना के पति श्रबण भाजपा से जुड़ गए।
नंदीग्राम से ममता हारीं
प बंगाल चुनाव में टीएमसी ने शानदार प्रदर्शन किया और 213 सीटों पर जीत हासिल की। इस जीत की नायक रहीं ममता बनर्जी। चुनाव नतीजों के बीच हर तरफ ममता बनर्जी की चर्चा है। लेकिन खास बात ये रही कि टीएमसी को 3 बार सत्ता तक पहुंचाने वाली ममता खुद इस बार चुनाव नहीं जीत पाईं। उन्हें उनके करीबी रहे सुवेंदु अधिकारी ने नंदीग्राम से मात दी। सुवेंदु भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े और 1700 से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की।