WBSSC भर्ती घोटाले (WBSSC Recruitment Scam) में 25,000 शिक्षकों की नियुक्ति रद्द होने पर ममता बनर्जी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सवाल उठाए। उन्होंने NEET और Vyapam मामले का हवाला देते हुए बंगाल को टारगेट किए जाने की बात कही।
WBSSC Scam 2024: पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती मामला (WBSSC Scam 2024) तूल पकड़ता जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा 25,000 से अधिक नियुक्तियों को रद्द किए जाने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने सोमवार को कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में बर्खास्त शिक्षकों से मुलाकात की और भावुक अपील करते हुए केंद्र और अदालत पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा: व्यापम और नीट पर इतने आरोप लगे लेकिन उसे रद्द नहीं किया गया और शिक्षक भर्ती को बीजेपी के इशारे पर रद्द कर दिया गया। पश्चिम बंगाल को निशाना बनाया जा रहा है।
ममता बनर्जी ने तीखे लहजे में कहा: सुप्रीम कोर्ट को ये स्पष्ट करना चाहिए कि 'योग्य' कौन है और 'अयोग्य' कौन। हमें सूची दीजिए। NEET में इतने आरोप लगे लेकिन पूरी परीक्षा रद्द नहीं हुई। Vyapam घोटाले में लोग मारे गए, पर न्याय नहीं मिला। फिर बंगाल को ही क्यों टारगेट किया जा रहा है? आप बंगाल की प्रतिभा से डरते हैं।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शिक्षकों को भरोसा दिलाते हुए कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट से हमें स्पष्टता नहीं मिलती तो हम अपना रास्ता खुद निकालेंगे। मैं आपके साथ हूं। दो महीने की तकलीफ सही लेकिन बीस साल की नहीं। मैं इन दो महीनों का मुआवज़ा भी दूंगी, आपको भीख नहीं मांगनी पड़ेगी।
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने अपने आदेश में कहा कि 2016 की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी तरह 'दूषित और अपारदर्शी' थी। कोर्ट ने OMR शीट्स के नष्ट किए जाने, रैंक जंपिंग, आउट ऑफ पैनल नियुक्तियों और गैर-सिफारिश प्राप्त उम्मीदवारों की भर्ती जैसे बिंदुओं को गिनाते हुए कहा कि पूरा सिस्टम ही फेल हो गया।
ममता बनर्जी ने कहा कि यह हमारी सरकार पर हमला है। यह BJP और CPM की साजिश है। आप हर जगह अपने लोग बिठाकर हमारी शिक्षा प्रणाली को गिराना चाहते हैं। लेकिन याद रखिए, घायल शेर ज्यादा खतरनाक होता है।
मुख्यमंत्री ने शिक्षकों को सलाह दी कि वे टर्मिनेशन लेटर नहीं मिलने तक अपना कार्य करते रहें। हम सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दायर करेंगे और आपको भी लड़ाई में हमारे साथ रहना होगा। सभा में मौजूद एक शिक्षक ने भी कहा: हम दोबारा परीक्षा नहीं देंगे, हम रिव्यू पिटीशन दाखिल करेंगे और सरकार से भी ऐसा करने की मांग करेंगे।