पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी (Minister Parth Chatterjee) के एक सहयोगी के घर ईडी ने 21 करोड़ रुपए बरामद किए हैं। यह मामला पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले (West Bengal Teacher Recruitment Scam) से जुड़ा है।
WB Teacher Recruitment Scam. प्रवर्तन निदेशालय ने पश्चिम बंगाल में बड़ी छापेमारी की है। जिसके बाद ममता बनर्जी के पावरफुल मंत्री पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार कर लिया गया है। यहां शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी सहयोगी के घरे से करीब 21 करोड़ रुपए बरामद हुए हैं। जहां से पैसा बरामद किया गया है, वह बांग्ला फिल्मों की एक हीरोईन का है, जिसे चटर्जी का करीबी सहयोगी बताया जा रहा है। 5 प्वाइंट्स में जानें क्या है यह पूरा मामला।
1. प्रवर्तन निदेशालय ने एक बयान में कहा कि बांग्ला फिल्मों की अभिनेत्री अर्पिता मुखर्जी के आवास पर बरामद ₹21 करोड़ बरामद किए गए हैं। अर्पिता मुखर्जी फिल्मों में तो सफल नहीं हैं लेकिन वे 2019-20 के दौरान पार्थ चटर्जी की दुर्गा पूजा समिति के प्रचार कैंपेन का हिस्सा रही हैं। उनके पास से इतनी बड़ी धनराशि का बरामद होना कई सवाल खड़े करता है।
2. इस कथित घोटाले की जांच सीबीआई के अलावा प्रवर्तन निदेशालय या ईडी द्वारा भी की जा रही है। ईडी जहां घोटाले में धन की जांच कर रही है, वहीं सीबीआई राज्य प्रायोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों में ग्रुप-सी और डी के कर्मचारियों और शिक्षकों की भर्ती में कथित अनियमितताओं की जांच कर रही है।
3. यह घोटाला तब सामने आया था जब पार्थ चटर्जी के पास शिक्षा विभाग था। फिलहाल पार्थ चटर्जी के उद्योग और वाणिज्य मंत्रालय है। सीबीआई इसी मामले में उनसे दो बार पूछताछ कर चुकी है। पहली पूछताछ 26 अप्रैल को और दूसरी 18 मई को की गई थी।
4. प्रवर्तन निदेशालय ने कथित घोटाले के सिलसिले में शिक्षा राज्य मंत्री परेश अधिकारी और विधायक माणिक भट्टाचार्य के ठिकानों पर भी छापेमारी की है। परेश अधिकारी से सीबीआई ने भी पूछताछ की थी क्योंकि उनकी बेटी की स्कूल शिक्षक के रूप में नौकरी मिली थी।
5. सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने इन छापों को भाजपा सरकार की चाल करार दिया है। टीएमसी ने इसमें किसी भी तरह की भूमिका से इंकार किया है। टीएमसी का कहना है कि बीजेपी सीबीआई और ईडी के माध्यम से विरोधियों को परेशान कर रही है।
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