SEBI पर हिंडनबर्ग का खुलासा: राजीव चंद्रशेखर ने कहा-देश को अस्थिर करने की साजिश

हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट में सेबी चीफ और अडानी ग्रुप्स के बीच कनेक्शन का आरोप लगाया गया है, जिस पर राजीव चंद्रशेखर ने भारतीय अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने का प्रयास बताया है। बीजेपी नेताओं ने इसे शेयर बाजार को अस्थिर करने की कोशिश बताया है।

Dheerendra Gopal | Published : Aug 11, 2024 1:20 PM IST

Hindenburg report on SEBI-Adani connection: हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट में अब शेयर मार्केट को रेगुलेट करने वाली सेबी और अडानी ग्रुप्स के बीच कनेक्शन का खुलासा किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, सेबी चीफ माधबी पुरी बुच और उनके पति ने अडानी ग्रुप्स से जुड़े ऑफशोर फंड्स में अघोषित निवेश किया है। बीजेपी नेताओं और कई फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स ने भी इन आरोपों पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने इसे देश की वित्तीय संस्था पर हमला करार दिया है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि हिंडनबर्ग का यह आरोप भारतीय अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने का एक वैश्विक प्रयास है। मार्केट रेगुलेटर सेबी पर यह हमला कांग्रेस की साजिश का हिस्सा है जिसे हिंडनबर्ग ने पार्टनरशिप में किया है।

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राजीव चंद्रशेखर ने एक्स पर ट्वीट किया कि यह स्पष्ट हो जाना चाहिए- विदेशी बैंक हिंडनबर्ग द्वारा सेबी पर यह हमला, कांग्रेस के साथ एक स्पष्ट साझेदारी है और इसका एक अशुभ उद्देश्य और लक्ष्य है। दुनिया की सबसे मजबूत वित्तीय प्रणालियों में से एक को अस्थिर करना, बदनाम करना और दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था यानी भारत में अराजकता पैदा करना। इस पर कोई संदेह नहीं होना चाहिए। रिपोर्ट में कांग्रेस की क्लासिक शैली के झूठ और कुछ सच्चाई के अंशों को एक साथ मिला दिया गया है- जिसका उद्देश्य नियामक को बदनाम करना और निवेशकों के लिए बाजारों में अराजकता और नुकसान पैदा करना है - जिससे तेजी की भावना धीमी हो गई है। उन्होंने कहा कि मैंने अक्सर कहा है और फिर से कहता हूं कि कांग्रेस वंश की मदद से कई वैश्विक ताकतें भारत के उत्थान को धीमा करना या रोकना चाहती हैं। हम उन्हें ऐसा नहीं करने देंगे।

 

 

बीजेपी नेता महेश जेठमलानी बोले-शेयर बाजार को अस्थिर करना उद्देश्य

बीजेपी नेता महेश जेठमलानी ने कहा कि हिंडनबर्ग का उद्देश्य भारत के शेयर बाजारों को अस्थिर करना प्रतीत होता है। जहां तक बड़ी बात का सवाल है, अदानी समूह के खिलाफ़ कुछ भी नया नहीं है। अब निशाना सेबी की अध्यक्ष माधवी पुरी बुच हैं। सेबी ने हिंडनबर्ग को नोटिस जारी कर अदानी शॉर्ट सेल की परिस्थितियों के बारे में जानकारी मांगी थी जिसका वह हकदार था। इन पर प्रतिक्रिया देने के बजाय हिंडनबर्ग ने हितों के टकराव के आधार पर अपने अध्यक्ष पर हमला करना चुना है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी मुनाफाखोर हिंडनबर्ग ने भारतीय खुदरा निवेशकों की कीमत पर लाखों डॉलर कमाए हैं, जो अब भारतीय नियामक द्वारा वैध रूप से पूछे गए सवालों को टाल रहा है और उसके सवालों का जवाब दिए बिना उसे बेशर्मी से बदनाम कर रहा है।

 

 

वामपंथी मीडिया कर रही सेबी चीफ पर हमला

बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि रिपोर्ट का उद्देश्य भारत को अस्थिर करना है। सेबी अध्यक्ष के पीछे वामपंथी मीडिया पड़ी है। इन राष्ट्रविरोधियों पर गंभीरता से सरकार ध्यान दे। सेबी अध्यक्ष पर वामपंथी मीडिया हमला बोल रही है, सरकार इन राष्ट्रद्रोहियों पर गंभीरता से ध्यान दे, जिनका कोई और एजेंडा नहीं है, सिवाय भारत के सामाजिक ताने-बाने को तोड़ने, इसकी राजनीति को बिगाड़ने और अब इसकी अर्थव्यवस्था को तबाह करने के। उन्होंने कहा कि मैं पूछना चाहता हूं कि संसद सत्र के समय ये विदेशी रिपोर्ट क्यों आती हैं? मैं आरोप लगाना चाहता हूं कि कांग्रेस नेताओं को पता था कि रिपोर्ट आ रही है। यह स्पष्ट है कि विपक्ष भारत में असंतुलन पैदा करना चाहता है।

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