
what is Chicken's Neck: बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार और नोबेल विजेता मुहम्मद यूनुस (Muhammad Yunus) के साथ पीएम मोदी की बैकॉक में शुक्रवार को वार्ता हुई। पीएम मोदी ने बांग्लादेश के साथ सकारात्मक संबंध बनाए रखते हुए आगे बढ़ने की बात कही, साथ ही क्षेत्रीय विवाद पैदा होने वाले बयान न देने का भी आग्रह किया। दरअसल, यूनुस के हालिया बयान ने भारत में विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने पूर्वोत्तर भारत (Northeast India) को 'लैंडलॉक्ड' (Landlocked) बताते हुए बांग्लादेश को 'समुद्र का संरक्षक' (Guardian of the Ocean) कहा, जिससे भारत में सुरक्षा चिंताओं को लेकर बहस छिड़ गई है।
चिकन नेक (Chicken's Neck) को सिलीगुड़ी कॉरिडोर (Siliguri Corridor) के नाम से भी जाना जाता है। चिकन नेक, पश्चिम बंगाल (West Bengal) में स्थित एक पतला लैंड एरिया है जो पूर्वोत्तर भारत को शेष देश से जोड़ता है। यह गलियारा नेपाल (Nepal) और भूटान (Bhutan) तथा बांग्लादेश (Bangladesh) से घिरा हुआ है। यह गलियारा दक्षिण-पश्चिम में बांग्लादेश, उत्तर-पश्चिम में नेपाल और उत्तर में भूटान के समीप स्थित है। सिक्किम और भूटान के बीच चुम्बी घाटी तिब्बती क्षेत्र स्थित है। डोलम पठार या डोकलाम ट्राइबाउंड्री क्षेत्र का दक्षिणी छोर गलियारे में ढलान पर है। सबसे संकरी जगह पर, गलियारा आम तौर पर पूर्व में मेची नदी द्वारा निर्मित होता है; नेपाल का भद्रपुर नदी के तट पर स्थित है। आगे उत्तर में मेची ब्रिज मेचीनगर को जोड़ता है। इसकी सबसे पतली चौड़ाई केवल 20 किलोमीटर है। इस रूट की कोई भी नाकाबंदी भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को मुख्यभूमि से काट सकती है।
1962 के भारत-चीन युद्ध (India-China War 1962) के दौरान चीन ने सीधे चिकन नेक पर हमला नहीं किया लेकिन उसके सैनिकों की तेजी से हुई बढ़त ने इस मार्ग की संवेदनशीलता को उजागर कर दिया। इसके बाद से भारतीय सुरक्षा एजेंसियां इसे सुरक्षित बनाए रखने के लिए विशेष कदम उठा रही हैं। वर्तमान में, बीएसएफ (BSF), सशस्त्र सीमा बल (SSB) और आईटीबीपी (ITBP) जैसे बलों की यहां तैनाती की गई है।
2017 में जब चीन ने डोकलाम (Doklam) में सड़क निर्माण शुरू किया तो चिकन नेक की सुरक्षा को लेकर भारत की चिंताएं फिर से बढ़ गईं। यह क्षेत्र चीन और भूटान के बीच विवादित है लेकिन इसका रणनीतिक महत्व भारत के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। भारत ने इस निर्माण का कड़ा विरोध किया जिससे भारत-चीन के बीच बड़ा सैन्य गतिरोध (Standoff) पैदा हुआ। बाद में इस सड़क निर्माण को रोक दिया गया था।
बांग्लादेश में शेख हसीना (Sheikh Hasina) सरकार के सत्ता से बाहर होने और मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के गठन के बाद भारत-बांग्लादेश संबंधों (India-Bangladesh Relations) में बदलाव देखने को मिला है। भारत ने हाल ही में बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमले की घटनाओं पर चिंता जताई थी जिसके बाद ढाका से कड़ी प्रतिक्रिया मिली। इसके अलावा, नई सरकार ने चीन (China) से घनिष्ठ संबंध बनाने के संकेत दिए हैं, जिसे भारत सावधानीपूर्वक देख रहा है।
हाल ही में मुहम्मद यूनुस ने चीन यात्रा के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत का पूर्वोत्तर क्षेत्र पूरी तरह लैंडलॉक्ड है और उनकी समुद्र तक कोई पहुंच नहीं है। बांग्लादेश इस क्षेत्र के लिए समुद्र का संरक्षक है। यह चीन की अर्थव्यवस्था के विस्तार के लिए बड़ा अवसर है।" उनके इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
यूनुस के बयान पर असम (Assam) के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने कहा कि यह बयान भारत के लिए सुरक्षा खतरा बढ़ाने वाला है। उन्होंने कहा कि अब यह आवश्यक हो गया है कि पूर्वोत्तर को शेष भारत से जोड़ने वाले रेल और सड़क नेटवर्क को और मजबूत किया जाए।
कांग्रेस (Congress) के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा (Pawan Khera) ने कहा कि बांग्लादेश चीन को भारत की घेराबंदी करने के लिए आमंत्रित कर रहा है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश सरकार का यह रुख हमारे पूर्वोत्तर की सुरक्षा के लिए बेहद खतरनाक है। हमारी विदेश नीति इतनी कमजोर हो चुकी है कि जिस देश को हमने 1971 में स्वतंत्रता दिलाई, आज वही हमें घेरने में लगा है।
भारत के लिए चिकन नेक का सामरिक महत्व अत्यधिक महत्वपूर्ण है। नेपाल, भूटान और बांग्लादेश की समीपता के कारण इस क्षेत्र में किसी भी तरह की अस्थिरता भारत की सुरक्षा को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है। चीन और बांग्लादेश के बदलते समीकरण को देखते हुए भारत इस मार्ग की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की योजना बना रहा है।