क्या है न्यूमोनिया, कैसे और कितने तरह की होती है ये बीमारी, जानें लक्षण, बचाव और इलाज का सही तरीका

दुनियाभर में हर साल 12 नवंबर को विश्व निमोनिया दिवस (World Pneumonia Day)के रूप में मनाया जाता है। इसे पहली बार पहली बार 12 नवंबर, 2009 को ग्लोबल कोएलिशन अगेंस्ट चाइल्ड न्यूमोनिया द्वारा मनाया गया था। क्या है निमोनिया और ये कब हो जाता है खतरनाक? आइए जानते हैं इसके लक्षण और बचाव। 

World Pneumonia Day 2022: दुनियाभर में हर साल 12 नवंबर को विश्व निमोनिया दिवस (World Pneumonia Day)के रूप में मनाया जाता है। इसे पहली बार पहली बार 12 नवंबर, 2009 को ग्लोबल कोएलिशन अगेंस्ट चाइल्ड न्यूमोनिया द्वारा मनाया गया था। इसके बाद से ही इसे हर साल एक नई थीम के साथ मनाया जाता है। निमोनिया दिवस को मनाने का मकसद लोगों को निमोनिया जैसी घातक और जानलेवा बीमारी और इसके खतरों के बारे में जागरूक करना है, ताकि वो समय रहते इसके लक्षणों की पहचान कर उसका सही तरीके से ट्रीटमेंट ले सकें। क्या है निमोनिया और ये कब हो जाता है खतरनाक? आइए जानते हैं इसके लक्षण और बचाव। 

क्या है निमोनिया?
निमोनिया (Pneumonia) एक ऐसी बीमारी है, जो कि रेस्पेरेटरी सिस्टम यानी श्वसन तंत्र पर अटैक करती है। ये एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन है, जिसमें आमतौर पर फेफड़ों या उसकी थैली में पस या लिक्विड भरने से संक्रमण हो जाता है। इसके चलते फेफड़ों में सूजन आ जाती है और ये ठीक से अपना काम नहीं कर पाते। फेफड़ों का काम ऑक्सीजन को फिल्टर करना होता है। लेकिन संक्रमण की वजह से ये ऑक्सीजन को फिल्टर नहीं कर पाते, जिससे मरीज की हालत गंभीर हो जाती है। कई बार उसे कृत्रिम ऑक्सीजन देनी पड़ती है। 

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किस वायरस/बैक्टीरिया से होता है निमोनिया?
निमोनिया उस कंडीशन में होता है, जब वायरस या बैक्टीरिया फेफड़ों में प्रवेश करते हैं और संक्रमण पैदा करने लगते हैं। निमोनिया ज्यादातर स्ट्रेप्टोकोकस न्यूमोनिया वायरस और हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा की वजह से होता है। इसके अलावा यह माइकोप्लाज्मा न्यूमोनिया बैक्टीरिया और लीजियोनेला बैक्टीरिया के कारण भी होता है।

ज्यादातर किन्हें होता है निमोनिया?
निमोनिया की बीमारी ज्यादातर बच्चों में होती है, लेकिन कई बार वयस्क और बुजुर्ग भी इसका शिकार बनते हैं। निमोनिया का सबसे ज्यादा खतरा 2 साल से कम उम्र के बच्चों और 65 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्ग लोगों में रहता है। बता दें कि कोरोना का SARS-CoV-2 वायरस भी निमोनिया की वजह बन सकता है। कोरोना वायरस से पीड़ित शख्स में निमोनिया के ही लक्षण होते हैं। 

कितने तरह का होता है निमोनिया?
1- बैक्टीरियल निमोनिया
यह निमोनिया ज्यादातर स्ट्रेप्टोकोकस बैक्टीरिया की वजह से होता है। यह तब होता है, जब शरीर कमजोर हो जाता है। किसी तरह की बीमारी, पोषण की कमी, बुढ़ापा आदि में बैक्टीरिया से ग्रस्त होने पर निमोनिया हो सकता है।  
2 - वायरल निमोनिया
वायरल निमोनिया इन्फ्लूएंजा (फ्लू) सहित अलग-अलग वायरस के कारण होता है। अगर किसी को वायरल निमोनिया है तो उसे बैक्टीरियल निमोनिया होने की संभावना बढ़ जाती है।
3- माइकोप्लाज्मा निमोनिया
माइकोप्लाज्मा निमोनिया माइकोप्लाज्म निमोने नामक बैक्टीरिया की वजह से होता है। इसमें सामान्य निमोनिया से थोड़े अलग लक्षण होते हैं। 
4- एस्पिरेशन निमोनिया
एस्पिरेशन निमोनिया भोजन, लिक्विड या धूल के साथ बैक्टीरिया के प्रवेश से होता है। 
5- फंगल निमोनिया 
जैसा कि नाम से ही जाहिर है कि यह निमोनिया ज्यादातर फंगस की वजह से होता है। 

क्या हैं निमोनिया के लक्षण? 
- निमोनिया में ज्यादातर फ्लू जैसे लक्षण ही नजर आते हैं। हालांकि, ये धीरे-धीरे बढ़ते जाते हैं। जो बाद में धीरे धीरे या फिर एक दम से बढ़ने लगते हैं।
- निमोनिया का सबसे मुख्य लक्षण खांसी है। इसके अलावा रोगी को बुखार के साथ पसीना आता है। 
- रोगी खुद को बेहद कमजोरी और थका हुआ महसूस करता है।
- मरीज को सांस लेने में कठिनाई होती है। कई बार वो जोर-जोर से सांस खींचने लगता है। 
- सीने में दर्द के साथ ही बेचैनी महसूस होती है। इसके अलावा बीपी भी कम हो जाता है।
- मरीज को भूख लगनी कम हो जाती है। इसके साथ ही मतली और उल्टी जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं।

क्या है निमोनिया का इलाज?
निमोनिया एक ऐसी बीमारी है, जिसकी पहचान और उपचार अगर समय रहते नहीं किया गया तो ये जानलेवा साबित हो सकती है। ऐसे में इसके लक्षणों पहचानने के साथ ही इसका समय रहते इलाज बेहद जरूरी है। वैसे, इसका इलाज बीमारी की गंभीरता पर निर्भर करता है। इसे ठीक करने के लिए डॉक्टर सबसे ज्यादा एंटीबायोटिक्स ही देते हैं। इसके अलावा कुछ घरेलू उपचार भी हैं। 

- भपारे (गर्म भाप) लेने से संक्रमण में कमी आती है। इससे रोगी की सांस लेने की कैपेसिटी भी बढ़ती है। भाप से छाती में जमा बलगम कम होता है। 
- दिन में दो बार गर्म दूध में थोड़ा हल्दी पाउडर डालकर पिएं। यह कफ को खत्म करने में मदद करती है। 
- तुलसी के पत्तों के रस में पिसी हुई काली मिर्च मिलाएं। इसके बाद इसे हर 6 घंटे में थोड़ा लेते रहें। इससे निमोनिया में राहत मिलती है। 

कितने दिन में ठीक हो सकता है निमोनिया?
निमोनिया का इलाज मरीज के फेफड़ों की कंडीशन पर डिपेंड करता है। ज्यादातर केस 7 से 14 दिनों में आराम मिल जाता है। हालांकि, कई बार इसके मरीजों को ठीक होने में 30 दिन से दो महीने भी लग जाते हैं।

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