क्या है असम-मेघालय सीमा विवाद, आखिर क्यों दोनों राज्यों के बीच 50 साल से चला आ रहा झगड़ा?

असम-मेघालय बॉर्डर के पास मुकरोह इलाके में मंगलवार सुबह हुई पुलिस फायरिंग में 6 लोगों की जान चली गई। हिंसा के बाद कई जिलों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। मृतकों और घायलों में वन विभाग के अलावा कुछ पुलिसवाले भी शामिल हैं। आखिर क्या है असम-मेघालय सीमा विवाद और कैसे हुई इसकी शुरुआत, आइए जानते हैं। 

Assam Meghalaya Border Dispute: असम-मेघालय बॉर्डर के पास मुकरोह इलाके में मंगलवार सुबह हुई पुलिस फायरिंग में 6 लोगों की जान चली गई। हिंसा के बाद कई जिलों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। मृतकों और घायलों में वन विभाग के अलावा कुछ पुलिसवाले भी शामिल हैं। बताया गया है कि सीमा से सटे जंगल से कुछ लोग ट्रक में अवैध रूप से लकड़ी भरकर ले जा रहे थे। असम पुलिस और वन विभाग की टीम ने जब उन्हें मुकरोह के पास रोका तो उन्होंने फायरिंग कर दी। बता दें कि दोनों राज्यों के बीच बॉर्डर को लेकर काफी पुराना विवाद है, जिसे लेकर अक्सर हिंसक झड़प होती रही है। आखिर क्या है असम-मेघालय सीमा विवाद, आइए जानते हैं। 

6 राज्यों से लगती है असम की सीमा : 
असम और मेघालय के बीच सीमा को लेकर चल रहा विवाद करीब 50 साल पुराना है। असम राज्य की सीमाएं मेघालय के अलावा त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर, नगालैंड और अरुणाचल प्रदेश से लगती हैं। चूंकि असम की सीमाएं 6 राज्यों से लगती हैं और इन सभी सीमावर्ती क्षेत्रों का हिस्सा पहाड़ी है, इसलिए कई बार बॉर्डर को लेकर असमंजस की स्थिति बनी रहती है। यही वजह है कि मेघालय और असम के बीच विवाद होता रहता है। 

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क्या है असम-मेघालय बॉर्डर विवाद?
मेघालय और असम आपस में करीब 885 किलोमीटर लंबा बॉर्डर शेयर करते हैं। 1972 से पहले मेघालय, असम राज्य का ही हिस्सा था। इसके बाद दोनों का विभाजन हो गया लेकिन तभी से सीमा को लेकर विवाद चल रहा है। दोनों राज्यों के बीच करीब 12 इलाके ऐसे हैं, जहां सीमा को लेकर विवाद था। हालांकि, इनमें से अब 6 इलाकों की सीमा निर्धारित हो चुकी है। ये 12 इलाके ताराबारी, गजांग रिजर्व फॉरेस्ट, हाहिम, बोकलापारा, नोन्गवाह, मतामुर, बोरदुआर, खानपारा, पिलंगकाटा, देशदेमोरेह के ब्लॉक-1 और 2, खांडुली और रेतचेरा हैं।    

दोनों राज्यों में कैसे शुरू हुआ सीमा विवाद?
इसकी शुरुआत 1972 में तब हुई, जब मेघालय को असम से अलग कर एक अलग राज्य बना दिया गया। पहले लांगपिह क्षेत्र कामरूप जिले का हिस्सा था। बंटवारे के बाद यह मेघालय के गारो हिल्स का हिस्सा बन गया। इसी को लेकर दोनों राज्यों के बीच झगड़ा है। एक तरफ असम इसे अपने राज्य की मिकिर हिल्स (कार्बी आंगलॉन्ग एरिया) का हिस्सा मानता है, वहीं दूसरी ओर मेघालय का कहना है कि ये क्षेत्र पहले यूनाइटेड खासी और जयंतिया हिल्स जिले में आते थे, इसलिए उनका हिस्सा हैं। 

अभी किस बॉर्डर एरिया में हुआ विवाद?
मंगलवार को हुआ विवाद वेस्टर्न गारो हिल्स एरिया में बसे मेघालय के लांगपिह इलाके में हुआ है। इस जिले की सीमा असम के कामरूप जिले से लगती है। यहां दोनों राज्यों के स्थानीय लोग घर बनाने, जंगल में पेड़ों को काटने और जमीन पर खेती करने को लेकर आपस में लड़ते हैं। 2010 में भी इसी इलाके में हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें गोलीबारी के दौरान 4 लोगों की मौत हो गई थी।   

सीमा विवाद सुलझाने 2022 में हुआ समझौता : 
2022 की शुरुआत में असम और मेघालय के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और कॉनराड कोंगकल संगमा ने दिल्ली में एक समझौते पर दस्तखत किए थे। इसके बाद 12 सबसे ज्यादा विवादित क्षेत्रों में से 6 की राज्य सीमा तय कर दी गई है। इस बैठक के दौरान गृहमंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे। इस समझौते के तहत असम और मेघालय की सरकारें 885 किलोमीटर की सीमा पर 12 में से 6 इलाकों में सीमा विवाद हल करने पर सहमत हो गए थे। 36.79 वर्ग किमी जमीन विवाद को सुलझाने के लिए भेजे गए प्रस्ताव में असम को 18.51 वर्ग किमी हिस्सा, जबकि मेघालय को 18.28 वर्ग किमी हिस्सा दिया गया था। ये पूरी जमीन करीब 36 गांवों में फैली हुई है।  

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