DG की हत्या में आतंकी संगठन TRF का हाथ, जानें कैसे बना, क्या है इस कट्टरवादी संगठन का मकसद?

जम्मू-कश्मीर के डीजी जेल हेमंत लोहिया की सोमवार देर रात हत्या कर दी गई। लोहिया को इतनी बेरहमी से कत्ल किया गया कि उनके शव को देखने वाले की रूह तक कांप जाए। बता दें कि इस हत्या की जिम्मेदारी आतंकी संगठन TRF ने ली है। आइए जानते हैं इसके बारे में। 

Ganesh Mishra | Published : Oct 4, 2022 8:48 AM IST / Updated: Oct 04 2022, 02:33 PM IST

Jammu DG Hemant Lohia Murder: जम्मू-कश्मीर के डीजी जेल हेमंत लोहिया की सोमवार देर रात हत्या कर दी गई। लोहिया को इतनी बेरहमी से कत्ल किया गया कि उनके शव को देखने वाले की रूह तक कांप जाए। फिलहाल पुलिस ने उनकी हत्या के आरोपी नौकर यासिर अहमद को गिरफ्तार कर लिया है। बता दें कि डीजी लोहिया का शव जम्मू के उदयवाला में उनके दोस्त के घर पर मिला था। लोहिया की हत्या की जिम्मेदारी आतंकी संगठन TRF (The Resistance Force) ने ली है। कब बना ये आतंकी संगठन और कौन है मुखिया और क्या है मकसद? आइए जानते हैं। 

कब सामने आया आतंकी संगठन TRF?
TRF ने 14 फरवरी 2019 में हुए पुलवामा हमले से पहले ही कश्मीर घाटी में अपना विस्तार करना शुरू कर दिया था। इस कट्टर इस्लामी संगठन को पाकिस्तान के कुछ आतंकी संगठनों के अलावा वहां की खुफिया एजेंसी ISI ने भी मदद की। बाद में अगस्त, 2019 में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद यह आतंकी संगठन पूरे कश्मीर में एक्टिव हो गया। 

कौन है TRF का मुखिया?
टीआरएफ को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और लश्कर-ए तैयबा ने मिलकर बनाया है।  लश्कर-ए-तैयबा के नेता ही इस संगठन की जड़ में हैं। 2019 में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद यह संगठन खुलकर आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने लगा। टीआरएफ ने 2020 में कश्मीर में विभिन्न हमलों की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें 5 भारतीय सेना के पैरा कमांडो की मौत भी शामिल है। 

आखिर क्या चाहता है TRF?
TRF का मकसद कश्मीर घाटी में 1990 वाला दौर वापस लाने के साथ ही कश्मीर को पाकिस्तान के साथ मिलाने का है। इसके लिए वो घाटी में रहने वाले कश्मीरी हिंदुओं के दिलों में खौफ पैदा करना चाहता है। ताकि बचे हुए कश्मीरी हिंदुओं को वहां से भगा कर इस्लामी सत्ता स्थापित की जा सके। 

टारगेट किलिंग्स के लिए जाना जाता है TRF : 
TRF टारगेट किलिंग्स के लिए जाना जाता है। पिछले कुछ महीनों में कश्मीर में टारगेट किलिंग के कई केस सामने आए हैं, इनमें ज्यादातर में इसी आतंकी संगठन का हाथ है। इसके आतंकी टेक्नो फ्रेंडली हैं और सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं। ये घाटी में होने वाली पॉलिटिकल और सोशल एक्टविटीज पर बारीकी से नजर रखते हैं। इसी के आधार पर वो अपनी हिट लिस्ट बनाते हैं और आतंकी घटनाओं को अंजाम देते हैं। 

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