उत्तर प्रदेश के बलिया में किन्नर अनुष्का ने अपनी टीम के साथ मालगोदाम रोड स्थित शिव मंदिर में 'शिव तांडव नृत्य' किया। अनुष्का का कहना था कि फांसी पर लगने वाली बार-बार की रोक से दोषियों का मनोबल बढ़ रहा है, जो ठीक नहीं है।
नई दिल्ली. सात साल से पूरे देश को निर्भया को न्याय मिलने का इंतजार है। इस क्रम में कोर्ट द्वारा डेथ वारंट भी जारी किया जा चुका है। साथ ही चारों दोषी कानून दांव पेंच का प्रयोग कर मौत से बच जा रहे हैं। इसी क्रम में दोषियों की फांसी पर लगी रोक से नाराज उत्तर प्रदेश के बलिया में किन्नर अनुष्का ने अपनी टीम के साथ मालगोदाम रोड स्थित शिव मंदिर में 'शिव तांडव नृत्य' किया। अनुष्का का कहना था कि फांसी पर लगने वाली बार-बार की रोक से दोषियों का मनोबल बढ़ रहा है, जो ठीक नहीं है।
किया शिव तांडव नृत्य
किन्नर अनुष्का ने कहा कि आखिरकार कब तक दोषी कानून का सहारा लेकर मौत को चकमा देते रहेंगे। कुछ ऐसा ही सवाल आज पूरा देश पूछ रहा है। देश की न्यायिक व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं। निर्भया केस में बार-बार फांसी की सजा टलने को लेकर किन्नर समाज में जबरदस्त गुस्सा है। उन्होंने कहा, 'फांसी में देरी के विरोध में मैंने शिव मंदिर पहुंचकर शिव तांडव किया।'
काट देना चाहिए हाथ-पैर
किन्नरों ने कहा कि कोर्ट ने एक फरवरी को इन दरिदों को फांसी देने की तिथि मुकर्रर की थी, लेकिन एक बार फिर वे सभी न्यायिक व्यवस्था को चकमा दे गए। वहीं आरोपियों के वकील पर भी अनुष्का ने आरोप लगाते हुए कहा कि जानबूझकर गुनाहगारों को बचाने की कोशिश की जा रही है, जो ठीक नहीं है। अनुष्का किन्नर का कहना है कि बेटी घर की लक्ष्मी होती है। ऐसे में निर्भया जैसी बेटी के गुनहगारों को फांसी की सजा न देकर उनके हाथ पैर काट देने चाहिए।
1 फरवरी को होनी थी फांसी
दिल्ली की पटियाला कोर्ट द्वारा 7 जनवरी को डेथ वारंट जारी किया गया था। जिसमें कोर्ट ने दोषियों को 22 जनवरी की सुबह 7 बजे फांसी पर लटकाने का फरमान जारी किया था। लेकिन दोषियों ने कानूनी दांव पेंच का प्रयोग कर फांसी टलवाने में सफल हुए थे। जिसके बाद कोर्ट ने मौत की नई तारीख तय करते हुए 1 फरवरी को फांसी पर लटकाने का वारंट जारी कर दिया था। लेकिन फांसी से ऐन पहले दोषियों ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर मौत को टाल दिया।
नई तारीख का इंतजार
निर्भया के दोषियों को फांसी पर लटकाने के लिए केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट का रूख किया है। जिसमें सरकार ने याचिका दाखिल की है। जिस पर हाईकोर्ट में शनिवार और रविवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था। जिस पर आज फैसला सुनाया जाएगा।
क्या है पूरा मामला ?
दक्षिणी दिल्ली के मुनिरका बस स्टॉप पर 16-17 दिसंबर 2012 की रात पैरामेडिकल की छात्रा अपने दोस्त को साथ एक प्राइवेट बस में चढ़ी। उस वक्त पहले से ही ड्राइवर सहित 6 लोग बस में सवार थे। किसी बात पर छात्रा के दोस्त और बस के स्टाफ से विवाद हुआ, जिसके बाद चलती बस में छात्रा से गैंगरेप किया गया।जिसके बाद लोहे की रॉड से क्रूरता की सारी हदें पार कर दी गईं।
छात्रा के दोस्त को भी बेरहमी से पीटा गया।बलात्कारियों ने दोनों को महिपालपुर में सड़क किनारे फेंक दिया। पीड़िता का इलाज पहले सफदरजंग अस्पताल में चला, सुधार न होने पर सिंगापुर भेजा गया। घटना के 13वें दिन 29 दिसंबर 2012 को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में छात्रा की मौत हो गई।