प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 72 साल के हो गए हैं। 17 सितंबर, 1950 को गुजरात के महेसाणा जिले के वडनगर में पैदा हुए नरेंद्र दामोदरदास मोदी ने अपनी मां हीराबेन मोदी के जन्मदिन पर 'मां' शीर्षक से एक ब्लॉग लिखा था। इसमें उन्होंने अपने बचपन और संघर्ष के दौरान की यादों के साथ ही जीवन में मां के महत्व को भी बताया है।
PM Modi Letter to Mother Hiraben: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 72 साल के हो गए हैं। 17 सितंबर, 1950 को गुजरात के महेसाणा जिले के वडनगर में पैदा हुए नरेंद्र दामोदरदास मोदी ने अपनी मां हीराबेन मोदी के जन्मदिन पर 'मां' शीर्षक से एक ब्लॉग लिखा था। इस ब्लॉग में उन्होंने अपने बचपन और संघर्ष के दौरान की तमाम यादों के साथ ही जीवन में मां के महत्व को भी बखूबी बताया है। पीएम मोदी ने ब्लॉग में मां हीराबेन की कई ऐसी आदतों का जिक्र किया है, जिनके बारे में जानकार हर किसी को गर्व होगा। आइए जानते हैं।
जब केदारनाथ में लोगों को पता चला-मेरी मां आ रही है..
मेरी मां का मुझ पर बहुत अटूट विश्वास रहा है। उन्हें अपने दिए संस्कारों पर पूरा भरोसा रहा है। मुझे दशकों पुरानी एक घटना याद आ रही है। तब तक मैं संगठन में रहते हुए जनसेवा के काम में जुट चुका था। घरवालों से संपर्क ना के बराबर ही रह गया था। उसी दौर में एक बार मेरे बड़े भाई, मां को बद्रीनाथ जी, केदारनाथ जी के दर्शन कराने के लिए ले गए थे। बद्रीनाथ में जब मां ने दर्शन किए तो केदारनाथ में भी लोगों को खबर लग गई कि मेरी मां आ रही हैं।
कुछ तो अच्छा कर रहे हो तुम, लोग तुम्हें पहचानते हैं :
उसी समय अचानक मौसम भी बहुत खराब हो गया था। ये देखकर कुछ लोग केदारघाटी से नीचे की तरफ चल पड़े। वो अपने साथ में कंबल भी ले गए। वो रास्ते में बुजुर्ग महिलाओं से पूछते जा रहे थे कि क्या आप नरेंद्र मोदी की मां हैं? ऐसे ही पूछते हुए वो लोग मां तक पहुंचे। उन्होंने मां को कंबल दिया, चाय पिलाई। फिर तो वो लोग पूरी यात्रा भर मां के साथ ही रहे। केदारनाथ पहुंचने पर उन लोगों ने मां के रहने के लिए अच्छा इंतजाम किया। इस घटना का मां के मन में बड़ा प्रभाव पड़ा। तीर्थ यात्रा से लौटकर जब मां मुझसे मिलीं तो कहा कि “कुछ तो अच्छा काम कर रहे हो तुम, लोग तुम्हें पहचानते हैं”।
आपका बेटा PM है, इस सवाल पर ये होता है मां का जवाब :
अब इस घटना के इतने वर्षों बाद, जब आज लोग मां के पास जाकर पूछते हैं कि आपका बेटा पीएम है, आपको गर्व होता होगा, तो मां का जवाब बड़ा गहरा होता है। मां उन्हें कहती है कि जितना आपको गर्व होता है, उतना ही मुझे भी होता है। वैसे भी मेरा कुछ नहीं है। मैं तो निमित्त मात्र हूं। वो तो भगवान का है।
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