WinZO के फाउंडर्स गिरफ्तार: 43 करोड़ रुपये के खेल का सच क्या है? ED ने किया पर्दाफाश

Published : Nov 27, 2025, 11:32 AM IST
Winzo Founders ED Arrest Money Laundering Case Online Gaming Scam

सार

ED ने WinZO के फाउंडर्स को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया। 43 करोड़ रुपये फंसे, विदेशी फंड डायवर्ज़न और रियल-मनी गेम्स पर सवाल। Gamezkraft भी जांच में, जानें क्या है पूरा मामला।

नई दिल्ली/बेंगलुरु: ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री से एक बड़ी खबर सामने आई है। फेमस रियल-मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म विनजो (WinZO) के दोनों फाउंडर्स सौम्या सिंह राठौर और पवन नंदा को एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) ने गिरफ्तार किया है। उन पर मनी लॉन्ड्रिंग, 43 करोड़ रुपये प्लेयर्स को वापस न करने, फंड डायवर्जन और एल्गोरिदम में छेड़छाड़ जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। ED की शुरुआती जांच में कई ऐसे खुलासे हुए हैं, जिन्होंने पूरे ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर को हिला दिया है। बेंगलुरु में पूछताछ के बाद बुधवार को दोनों की गिरफ्तारी की गई और उन्हें लोकल कोर्ट में पेश किया गया, जहां उन्हें एक दिन की कस्टडी में भेजा गया। ED अब इस पूरे केस की गहराई से जांच कर रहा है।

क्या WinZO ने प्लेयर्स का 43 करोड़ रुपये रोककर रखा था?

ED का दावा है कि भारत में रियल-मनी गेम्स पर बैन लगने के बाद WinZO को अपने प्लेयर्स को लगभग 43 करोड़ रुपये लौटाने चाहिए थे। लेकिन यह रकम कंपनी के पास ही ‘होल्ड’ में रही, जो नियमों के खिलाफ है। जांच एजेंसी का आरोप है कि यह राशि गलत तरीके से पास रखी गई। एजेंसी का कहना है कि कंपनी ने गेमर्स को बिना बताए एल्गोरिदम के साथ खेलवाया, ताकि वो समझें कि असली इंसानों के साथ खेल रहे हैं।

क्या एल्गोरिदम से चल रहा था ‘फर्जी गेम’?

ED ने WinZO पर यह भी आरोप लगाया है कि प्लेयर्स को यह बताए बिना वे एल्गोरिदम और सॉफ्टवेयर के खिलाफ खेल रहे थे। यानी खिलाड़ी समझते थे कि वे असली लोगों के खिलाफ खेल रहे हैं, जबकि सिस्टम उन्हें मशीन से मुकाबला करा रहा था-जो खुद विनिंग-लॉस पैटर्न को कंट्रोल कर रहा था।

क्या भारत से विदेशों तक पैसा डायवर्ट हुआ?

ED ने यह भी दावा किया कि WinZO ने भारत में बैन के बावजूद विदेशी प्लेटफॉर्म जैसे ब्राज़ील, अमेरिका और जर्मनी में गेम्स चलाए। ED का आरोप है कि विदेशी निवेश के नाम पर करोड़ों रुपये US और सिंगापुर भेजे गए। यहां तक कि WinZO के US बैंक अकाउंट में 55 मिलियन USD (लगभग 490 करोड़ रुपये) जमा मिले-जो ED के अनुसार एक शेल कंपनी का अकाउंट है।

क्या Gamezkraft भी इसी जाल में फंसी है?

WinZO के अलावा ED ने दूसरी गेमिंग कंपनी Gamezkraft और उसके प्रमोटर्स के खिलाफ भी रेड की। यह भी आरोप है कि इनके पास 505 करोड़ रुपये के बॉन्ड, फिक्स्ड डिपॉजिट और म्यूचुअल फंड को PMLA के तहत फ्रीज कर दिया गया है।

क्या यह पूरा ऑपरेशन एक ही ऐप से चलाया जा रहा था?

ED को यह भी पता चला कि भारत का ही ऐप दुनियाभर में ऑपरेट हो रहा था। यानी विदेशी गेमिंग ऑपरेशन भी भारत से ही कंट्रोल होते थे, जिससे वित्तीय अनियमितताओं की आशंका और बढ़ गई।

WinZO का पक्ष क्या कहता है?

विनजो (WinZO) ने कहा कि कंपनी निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ प्लेटफ़ॉर्म चलाती है। उनका फोकस यूज़र्स की सुरक्षा और सुरक्षित गेमिंग अनुभव सुनिश्चित करना है। कंपनी का कहना है कि वह पूरी तरह नियमों का पालन करती है और उसके प्लेटफॉर्म में पारदर्शिता और सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। WinZO प्रवक्ता ने कहा कि वे जांच में पूरा सहयोग करेंगे। हालांकि, ED के आरोपों के अनुसार, कस्टमर्स के पैसे को निकालने में रोक और सॉफ्टवेयर/एल्गोरिदम का गलत इस्तेमाल किया गया। यह मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है और आने वाले दिनों में इसका बड़ा अपडेट आने की संभावना है।

 

 

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