बीरभूम हिंसा : सीबीआई जिस महिला का बयान दर्ज करने वाली थी, अस्पताल में उसकी मौत, मृतकों की संख्या 9 हुई

बीरभूम हिंसा मामले की जांच कर रही सीबीआई की टीम रविवार को जिस महिला का बयान दर्ज करना चाहती थी, सोमवार रात उसकी मौत हो गई। 65 प्रतिशत झुलसी यह महिला हिंसा के मामले में अहम जानकारी दे सकती थी, लेकिन उसकी मौत से सीबीआई को झटका लगा है। इस मामले में अब तक 9 मौतें हो चुकी हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Mar 29, 2022 5:26 AM IST / Updated: Mar 29 2022, 10:57 AM IST

बीरभूम। पश्चिम बंगाल के बीरभूम (Birbhum Violence) जिले के बोगतुई गांव में हुई हिंसा में झुलसी एक महिला की सोमवार रात अस्पताल में मौत हो गई। महिला की हालत काफी गंभीर थी। वह बोलने की स्थिति में नहीं थी, इसलिए उसके बयान भी दर्ज नहीं हो पाए थे। 

सोमवार को महिला की मौत के बाद इस घटना में मृतकों की संख्या 9 हो गई है। इससे पहले घटना के दिन ही छह महिलाओं और दो बच्चों की मौत हो गई थी। पुलिस ने बताया कि अब 9 मृतकों में से 7 महिलाएं और 2 बच्चे हैं। नजमा बीबी नाम की यह महिला घटना में 65 प्रतिशत तक जल गई थी। सोमवार रात हालत काफी बिगड़ी जिसके बाद उसे रामपुरहाट सरकारी मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। वहां उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था, जहां उसकी मौत हो गई। 

सीबीआई कर रही जांच, नहीं दर्ज कर पाई बयान 
हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई को इस मामले की जांच सौंपी गई है। चूंकि महिला काफी गंभीर थी, इसलिए टीम उसका बयान नहीं दर्ज कर सकी थी। सीबीआई की टीम शनिवार को ही रामपुरहाट पहुंची थी और वहां से उसने पुलिस से पूरे मामले की जानकारी और दस्तावेज जुटाए थे। टीम घटनास्थल के अलावा पीड़ितों से भी बात कर रही है और उनके बयान दर्ज कर घटना की तह तक जाने की कोशिश में है। नजमा की मौत के बाद सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि हम उनसे बात करने की कोशिश में थे, लेकिन उनकी हालत ठीक नहीं होने की वजह से उनके बयान नहीं हो पाए। नजमा जहां भर्ती थी, वहां अभी एक बच्चे समेत तीन लोगों का इलाज चल रहा है। 

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21 मार्च को घरों में लगाई गई थी आग
21 मार्च की रात पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिला स्थित रामपुर हाट में हमलावरों ने कुछ घरों में आग लगा दी थी। इसमें झुलसकर 8 लोगों की मौत हो गई थी। कुछ लोगों को अस्पताल में दाखिल किया गया था। पुलिस ने इस मामले में टीएमसी नेता अनारूल समेत 20 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया था। बताया जा रहा है कि 21 मार्च की शाम तृणमूल कांग्रेस के नेता भादु शेख पर कुछ लोगों ने बम से हमला कर दिया था। इसमें उनकी मौत हो गई। घटना के बाद इलाके में तनाव बढ़ा और उसी रात कुछ लोगों ने गांव के घरों में आग लगा दी। इसमें 6 महिलाओं और 2 बच्चों को उसी रात मौत हो गई थी। 

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