लॉकडाउन का पहला दिन, पैदल ही गुजरात से राजस्थान के लिए निकले मजदूर, मालिकों ने 500 रुपए देकर छोड़ा

कोरोना के बढ़ते खतरे को रोकने के लिए देशभर में किए गए 'लॉकडाउन' की वजह से सारे काम ठप हो गए हैं। ऐसे में गुजरात के अहमदाबाद में काम करने वाले हजारों मजदूर पैदल ही राजस्थान के अपने गांवों तक पहुंचने के लिए मजबूर हैं। मालिकों ने मजदूरों को 500 रुपए देकर छोड़ दिया है। 

अहमदाबाद. कोरोना वायरस के बढ़ते असर के कारण देशभर में 21 दिनों का लॉकडाउन कर दिया गया है। इन सब के बीच गुजरात के अहमदाबाद में काम करने वाले हजारों मजदूर अपने घर राजस्थान पैदल वापस जाने के लिए मजबूर हो रहे हैं। इन मजदूरों के मालिकों ने कोरोना के बढ़ते खतरे के कारण काम बंद कर दिया है। जिसकी वजह से मजदूरों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। जिसके बाद मजदूर इधर उधर जाने के लिए मजबूर हो रहे हैं। 

बच्चों और परिवार के साथ पैदल ही निकले 

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बुधवार को साबरकांठा जिले में हाईवे पर अपने बच्चों और सामान के साथ पैदल जाते हुए मजदूरों को देखा गया। इनमें से कई बुधवार दोपहर को इदर, हिम्मतनगर और प्रांतिज पहुंचे। भयंकर गर्मी के बीच इनके चेहरे पर थकान साफ झलक रही थी। राजस्थान के एक मजदूर तेजभाई ने कहा, 'मैं अहमदाबाद के रानीप इलाके में काम कर रहा था और मेरे मालिक ने मुझे काम बंद करके वापस जाने को कह दिया। उन्होंने मुझे बस किराया दिया, लेकिन सभी सार्वजनिक परिवहन बंद हैं, इसलिए हम पैदल अपने गांव वापस जाने को मजबूर हैं।'

मालिकों ने 500 रुपए देकर छोड़ा 

कोरोना वायरस के कारण पहले 31 मार्च तक का लॉकडाउन था। लेकिन गुजरात सरकार ने कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए पहले ही कर्फ्यू लगा रखा है। जिसके कारण मजदूरों को तमाम समस्याओं का सामना करना पड़ा रहा है। इन सब के बीच इन परिवारों को खाना और पानी तक मिलना मुश्किल हो रहा है क्योंकि 'लॉकडाउन' के कारण हाईवे पर पड़ने वाले सभी होटल बंद हैं। अधिकतर मालिकों ने अपने यहां काम करने वाले मजदूरों को मुआवजे के रूप में 500 रुपये दिए हैं। हालांकि, साबरकांठा पुलिस ने उनकी मदद की और उन्हें खाना खिलाया।

पुलिस ने खिलाया खाना, घर तक पहुंचाने का दिया आश्वासन 

मजदूरों को पैदल जाता देख पुलिस ने सहारा दिया। जानकारी के मुताबिक पुलिस ने सभी मजदूरों को खाना खिलाया। इसके साथ ही पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने लोगों को घर छोड़ने के लिए परिवहन की व्यवस्था भी किए जाने का आश्वासन दिया है। 
साबरकांठा के पुलिस अधीक्षक चैतन्य मांडलिक ने कहा, 'मैंने इन मजदूरों को आश्वासन दिया है कि राजस्थान के सिरोही, उदयपुर या डूंगरपुर स्थित उनके गांवों तक पहुंचने के लिए परिवहन की कुछ न कुछ व्यवस्था की जाएगी।' मांडलिक ने कहा, 'हमने उन्हें भोजन, बिस्किट और पानी उपलब्ध कराया है। इन मजदूरों ने गंभीर जोखिम लिया है, लेकिन उनके पास कोई विकल्प नहीं है।'

देश में कोरोना की हालत 

कोरोना वायरस का संक्रमण भारत में तेजी से बढ़ता ही जा रहा है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक संक्रमित मरीजों की संख्या 585 हो गई है। यह संख्या और बढ़े उससे पहले पीएम मोदी ने 24 मार्च की रात्रि 8 बजे पूरे देश में 21 दिनों का लॉकडाउन लागू करने का ऐलान कर दिया । जिसके बाद 14 अप्रैल तक पूरे देश में जरूरी सेवाओं को छोड़कर सबकुछ बंद कर दिया गया है। 

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