विश्व पर्यावरण दिवस पर PM ने दिए संकेत, अगले 4 साल में इथेनॉल बनेगा पेट्रोल का बेहतर विकल्प

 शनिवार(5 जून) को दुनियाभर में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जा रहा है। इस बार यह दिन कोरोनाकाल में पड़ रहा है, ऐसे में सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं होंगे। प्रधानमंत्री मोदी वीडियो कान्फ्रेसिंग के जरिये कई कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं। प्रधानमंत्री ने किसानों से भी संवाद किया। प्रधानमंत्री ने इथेनॉल को ईंधन का बेहतर विकल्प बनाने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों के बारे में भी बताया। प्रधानमंत्री ने भारत में 2020-2025 के दौरान इथेनाल सम्मिश्रण से संबंधित रोडमैप के बारे में विशेषज्ञ समिति की एक रिपोर्ट भी जारी की।

नई दिल्ली. विश्च पर्यावरण दिवस(5 जून) के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई कार्यक्रमों में शामिल हो रहे हैं। चूंकि इस बार यह दिन कोरोना संकट के बीच आया है, इसलिए पीएम वीडियो कान्फ्रेसिंग के जरिये इन कार्यक्रमों में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। प्रधानमंत्री पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हुए। इस बार इस कार्यक्रम का विषय 'बेहतर पर्यावरण के लिए जैव ईंधन को बढ़ाना' देना है। प्रधानमंत्री ने भारत में 2020-2025 के दौरान इथेनाल सम्मिश्रण से संबंधित रोडमैप के बारे में विशेषज्ञ समिति की एक रिपोर्ट भी जारी की। साथ ही पुणे में तीन स्थानों पर ई 100 के वितरण स्टेशनों की एक पायलट परियोजना का भी शुभारंभ भी किया। बता दें कि 1972 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने दुनियाभर में पर्यावरण प्रदूषण की समस्या पर चिंता जाहिर करते हुए इससे निपटने के उद्देश्यों को प्रेरित करने हर साल 5 जून को पर्यावरण दिवस मनाने का ऐलान किया था।

क्लाइमेट चेंज की वजह से चुनौतियां
पीएम ने कहा क्लाइमेट चेंज की वजह से जो चुनौतियां सामने आ रही हैं, भारत उनके प्रति जागरूक भी है और सक्रियता से काम भी कर रहा है। पर्यावरण की रक्षा के लिए हमारे प्रयासों का संगठित होना बहुत ज़रूरी है। देश का एक-एक नागरिक जब जल-वायु और ज़मीन के संतुलन को साधने के लिए एकजुट होकर प्रयास करेगा, तभी हम अपनी आने वाली पीढ़ियों को एक सुरक्षित पर्यावरण दे पाएंगे।

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इथेनॉल को लेकर किए जा रहे प्रयासों के बारे में बताया
मोदी ने कहा-अब इथेनॉल 21वीं सदी के भारत की बड़ी प्राथमिकताओं से जुड़ गया है। इथेनॉल पर फोकस से पर्यावरण के साथ ही एक बेहतर प्रभाव किसानों के जीवन पर भी पड़ रहा है। आज हमने पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल ब्लेंडिंग (10 फीसदी इथेनॉल को 90 फीसदी पेट्रोल के साथ मिलाना) के लक्ष्य को 2025 तक पूरा करने का संकल्प लिया है। बीते साल ही ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने 21,000 करोड़ रुपये का इथेनॉल खरीदा है। इसका एक बड़ा हिस्सा हमारे किसानों की जेब में गया है। विशेष रूप से गन्ना किसानों को इससे बड़ा लाभ हुआ है। 

यह है सरकार का प्रयास
बता दें कि इथेनॉल एक किस्म का अल्कोहल है। इसे पेट्रोल में मिलाकर फ्यूल की भांति यूज किया जाने लगा है। इथेनॉल का उत्पादन मुख्य तौर पर गन्ने से होता है। हालांकि शर्करा वाली कई अन्य फसलों से भी इसे बनाया जाने लगा है। अभी भारत दुनिया का सबसे बड़ा तेल आयातक देश है। यानी 85% कच्चा तेल विदेशों से आता है। पिछली सरकार ने 2022 तक के लिए पेट्रोल में 10 फीसदी इथेनॉल ब्लेंडिंग, जबकि 2030 तक बढ़ाकर 20 फीसदी करने का लक्ष्य रखा था। हालांकि अब इसकी मियाद 2025 कर दी गई है।
 

रिन्यूएबल एनर्जी की क्षमता में बढ़ोतरी
मोदी ने बताया कि 6-7 साल में रिन्यूएबल एनर्जी की हमारी क्षमता में 250% से अधिक की बढ़ोतरी हुई है। इंस्टॉलड रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता के मामले में भारत आज दुनिया के टॉप-5 देशों में है। इसमें भी सौर ऊर्जा की क्षमता को बीते 6 साल में लगभग 15 गुना बढ़ाया है।

किसानों से संवाद

प्रधानमंत्री ने किसानों से जैविक खेती और उनकी आजीविका से जुड़े कई मुद्दों पर बातचीत की। प्रधानमंत्री का फोकस रासायनिक खाद से बचने पर रहा।

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