प्लेटफॉर्म पर पीली लाइन का रहस्य: क्या आप जानते हैं इसके पीछे का विज्ञान?

रेलवे प्लेटफॉर्म पर पीली और लाल रंग की लाइनें सिर्फ़ सजावट नहीं हैं, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं। पीली लाइन पार करना ख़तरनाक क्यों है और इसके पीछे कौन सा वैज्ञानिक सिद्धांत काम करता है, जानिए यहाँ।

आपने देखा होगा कि रेलवे प्लेटफॉर्म पर दो रंगों में ईंटें बिछाई जाती हैं. वो रंग हैं लाल और पीला. ये दोनों रंग यात्रियों की सुरक्षा के लिए बनाए गए हैं. इनमें पीले रंग की लाइन का मतलब है कि यात्रियों को ट्रेन में चढ़ने के लिए जब वो आती है तो पीले रंग की लाइन के पीछे ही खड़ा रहना चाहिए. उस लाइन को पार करके लाल रंग वाले हिस्से में नहीं जाना चाहिए. लाल रंग की लाइन खतरे का संकेत देती है. 

रेलवे प्लेटफॉर्म पर लाल, पीले रंग क्यों होते हैं

इंडिया में आप किसी भी रेलवे प्लेटफॉर्म पर देखेंगे तो रेलवे ट्रैक के बगल में लाल, पीले रंग की ईंटों से बनी चौड़ी लाइनें दिखेंगी. इनका मतलब क्या है.. ट्रेन ट्रैक पर आने पर लाल रंग वाले हिस्से में यात्रियों को खड़ा नहीं होना चाहिए. पीली लाइन के पीछे की तरफ खड़े होना चाहिए. ऐसा न करके अगर आप लाल रंग की लाइन में खड़े होते हैं तो ट्रेन की रफ़्तार की वजह से आप आगे गिर सकते हैं. कई बार ट्रेन के नीचे भी गिर जाते हैं. ऐसा कुछ न हो इसके लिए ज़रूरी है कि लाल, पीली लाइनों के बारे में जानें और नियमों का पालन करें. 

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बर्नोली फॉर्मूला का रेलवे प्लेटफॉर्म से क्या संबंध है

यात्रियों की सुरक्षा के लिए ही रेलवे विभाग रेलवे प्लेटफॉर्म पर लाल, पीले रंग में चौड़ी लाइनें बनवाता है. इसके पीछे विज्ञान से जुड़ा एक कारण है. बर्नोली फॉर्मूला के अनुसार, जब ट्रेन पटरियों पर तेज़ गति से गुज़रती है तो उसके आसपास वैक्यूम (शून्यता) बन जाता है. ये प्लेटफॉर्म पर से गुज़रते वक्त भी प्लेटफॉर्म पर खाली जगह बनाता है. उस खाली जगह में अगर यात्री होते हैं तो ट्रेन की हवा उन्हें अपनी तरफ खींचती है. इससे हादसा हो सकता है और आप गंभीर रूप से घायल हो सकते हैं. कई बार जान को भी ख़तरा हो सकता है. इसलिए रेलवे अधिकारी लाल रंग में चौड़ी और बड़ी लाइन बनवाते हैं. यानी प्लेटफॉर्म पर जब ट्रेन आ रही हो तो यात्रियों को लाल रंग में खड़ा होना, बैठना नहीं चाहिए. ज़रूर प्लेटफॉर्म पर पीले रंग से दूरी बनाकर खड़े रहना चाहिए. 

रेलवे प्लेटफॉर्म पर हादसे

ट्रेन में सीट पाने की जल्दबाज़ी में कई लोग चलती ट्रेन में चढ़ते हैं. ऐसा करना बहुत ख़तरनाक है. ग़लती से भी अगर ऐसा हुआ तो आप रेलवे ट्रैक और प्लेटफॉर्म के बीच गिर सकते हैं. पहले से ही ऐसे हादसे हर रोज़ कहीं न कहीं होते रहते हैं. 

उसी तरह समय निकलता देख कई लोग ट्रेन रुकने से पहले ही प्लेटफॉर्म पर उतर जाते हैं. ये भी बहुत ख़तरनाक है. ट्रेन की गति के हिसाब से अगर आप सही से नहीं उतरे तो फिसलकर गिर सकते हैं, चोट लग सकती है. उतरने वालों से टकराकर चढ़ने वाले भी होते हैं. उनकी वजह से कई बार लोग टकराकर अपनी जान भी गंवा देते हैं. 

रेलवे प्लेटफॉर्म पर हादसे से बचने के उपाय 

यात्रियों को रेलवे अधिकारियों द्वारा बताए गए नियमों का पालन ज़रूर करना चाहिए. खासकर ट्रेन के आकर रुकने के बाद ही उसके नज़दीक जाना चाहिए. पीली लाइन पार नहीं करनी चाहिए और उस लाइन के पीछे ही रहना चाहिए. ट्रेन के प्लेटफॉर्म पर आने के दौरान किसी भी हालत में लाल रंग की लाइन में नहीं आना चाहिए. ट्रेन के प्लेटफॉर्म पर पूरी तरह से रुकने के बाद ही उसमें चढ़ना चाहिए. चलती ट्रेन में चढ़ना या उतरना नहीं चाहिए. 

रेलवे प्लेटफॉर्म पर नियम तोड़ने पर कैसे लगता है जुर्माना

रेलवे प्लेटफॉर्म पर नियमों का उल्लंघन करने पर यात्रियों को जुर्माना देना पड़ता है. खासकर रेलवे कर्मचारियों द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन न करने पर भारी जुर्माना भी भरना पड़ सकता है. रेलवे प्लेटफॉर्म पर रहते हुए पीली लाइन पार करना ख़तरनाक है. इसका उल्लंघन करने पर 500 रुपये तक का जुर्माना लग सकता है. बिना टिकट प्लेटफॉर्म पर मौजूद रहना या ट्रेन में यात्रा करना सबसे सख़्त अपराध माना जाता है. इसके लिए जुर्माना 250 रुपये से लेकर 1,000 रुपये तक हो सकता है. साथ ही आपको ट्रेन टिकट का किराया भी देना होगा. ट्रेन के नज़दीक आने के समय सुरक्षा निर्देशों का पालन न करने पर हादसे का शिकार होना पड़ सकता है. ऐसे में जुर्माना लगने की पूरी संभावना रहती है.

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