योगी आदित्यनाथ ने बताया गुरु गोरखनाथ को शिव का स्वरुप

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने गुरुवार को राजधानी में हिन्दी संस्थान के यशपाल सभागार में गोरखनाथ पर केंद्रित तीन दिवसीय संगोष्ठी की शुरुआत की।

Asianet News Hindi | Published : Sep 26, 2019 1:08 PM IST

लखनऊ(Lucknow). मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने गुरुवार को राजधानी में हिन्दी संस्थान के यशपाल सभागार में गोरखनाथ पर केंद्रित तीन दिवसीय संगोष्ठी की शुरुआत की।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महायोगी गोरखनाथ के बिना भारत की आध्यात्मिक परंपरा शून्य है। उन्होंने कहा कि हिन्दी के प्रसिद्ध कवि सुमित्रानंदन पंत ने ओशो से जब अध्यात्म के बारे में पूछा तो उन्होंने चार नाम लिए थे, जिनमें गोरखनाथ का भी नाम था।

Latest Videos


मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु गोरखनाथ नाथ सम्प्रदाय के प्रवर्तक थे
योगी ने नाथ संप्रदाय की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा, "वृहतर भारत में महायोगी गोरखनाथ की महा-प्रतिष्ठा है। मैं पिछले 25 वर्ष से इस परंपरा से जुड़ा हूं। जब हम ऐसे महापुरुष के बारे में सोचते हैं तो एक ओर सम्प्रदाय एवं आस्था का पक्ष होता है तथा दूसरी ओर इतिहास एवं साहित्य का पक्ष होता है। दोनों का समन्वय कभी होता है तो कभी नहीं हो पाता है। इस विषय को जानने के लिए सभी में जिज्ञासा होती है। गुरु गोरखनाथ ही नाथ सम्प्रदाय के प्रवर्तक थे। वह शिव स्वरूप माने गए हैं। गुरु गोरखनाथ की मान्यता भारत के साथ पाकिस्तान, अफगानिस्तान, भूटान, नेपाल, बांग्लादेश तथा म्यांमार में भी है। महायोगी गोरखनाथ वहां की कई लोकगाथाओं में विद्यमान हैं।"


मलिक मोहम्मद जायसी ने भी अपने यहां गोरखनाथ का मंदिर बनाया था: योगी आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के हर प्रांत में गोरखनाथ के अनुयायी हैं। मलिक मोहम्मद जायसी ने भी अपने यहां गोरखनाथ का मंदिर बनाया था। उनका दृष्टिकोण राष्ट्र प्रेम का रहा है। उनका कोई साम्प्रदायिक दृष्टिकोण नहीं है। जाति और भाषा का बंधन नहीं है। हर भाषा में उनका साहित्य मिलेगा।

पूरे देश में नाथ परंपरा के मंदिर मौजूद हैं
उन्होंने कहा कि त्रिपुरा में 35 प्रतिशत आबादी गोरखनाथ के अनुयायियों की है और असम की 15 प्रतिशत आबादी गोरखनाथ की अनुयायी है। पूरे देश में नाथ परंपरा के मंदिर मठ और संत-अनुयायी मौजूद हैं। बंगाल, ओडिशा, त्रिपुरा में बड़ी आबादी नाथ सम्प्रदाय से जुड़ी हुई है। महायोगी गोरखनाथ का एक पक्ष योग भी है। महर्षि पतंजलि ने योग का दर्शन दिया था, मगर गुरु गोरखनाथ ने उसे शुद्धि के रूप में सभी के लिए जरूरी बताया था।

 

[यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है]
 

Share this article
click me!

Latest Videos

रिटर्न मशीन हैं 7 Stocks..मात्र 1 साल रखें बढ़ेगा पैसा!
मुजफ्फरनगर में क्यों भिड़ गए योगी के 2 मंत्री, जमकर हुई तू-तू, मैं-मैं । Anil Kumar । Kapil Dev
राहुल ने बताई विपक्ष की पावर कहा- पहले जैसे नहीं रहे मोदी #Shorts
RSS और BJP की चुप्पी! संजय सिंह ने फिर से दोहराए Arvind Kejriwal के पूछे 5 सवाल
इस्तीफा देने के बाद कहां रहेंगे केजरीवाल, नहीं है घऱ #Shorts