ऑटिज्म से पीड़ित 13 वर्षीय जिया राय पैरा-तैराकी ने एक नया रिकॉर्ड बनाया है। उसने श्रीलंका के तलाईमन्नार द्वीप से भारत के धनुषकोडी में अरिचलमुनाई तक 13 घंटे 10 मिनट में 28.5 किमी तैरकर पार किया।
स्पोर्ट्स डेस्क : 'लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की हार नहीं होती।' ये कहावत तो आपने कई बार सुनी होगी, लेकिन इसे चरितार्थ करती 13 साल की आटिज्म से पीड़ित लड़की ने लहरों को चुनौती देकर नौका ही नहीं बल्कि खुद ही 28.5 किलोमीटर का तलाईमन्नार द्वीप पार की लिया है। जी हां, हम बात कर रहे हैं पैरा-स्विमर जिया राय (Para-swimmer Jiya Rai) की, जिन्होंने 13 घंटे 10 मिनट में 28.5 किलोमीटर तैरकर इतिहास रच दिया है। 13 साल की जिया ने श्रीलंका के तलाईमन्नार से लेकर तमिलनाडु के धनुषकोडी में अरिचलमुनाई तक पाक जलडमरूमध्य (Palk Strait from Sri Lanka to Dhanushkodi) को पार किया।
मूल रूप से यूपी के आजमगढ़ जिले के कटाई अलीमुद्दीनपुर गांव की रहने वाली जिया आज पूरे भारत का नाम रोशन कर रही हैं। वह पाक जलडमरूमध्य में तैरने वाली दुनिया की सबसे कम उम्र की और सबसे तेज महिला तैराक बन गई हैं। उनसे पहले ये रिकॉर्ड भूला चौधरी के नाम था, जिन्होंने 2004 में 13 घंटे 52 मिनट में इसे पार किया था।
भारतीय नौसेना ने फेसबुक पर पोस्ट कर बताया कि यह कार्यक्रम ऑटिज्म जागरूकता, भारत की आजादी के 75 साल और भारत और श्रीलंका के संबंधों को मजबूत करने के लिए आयोजित किया गया था। रक्षा बल ने राय की तैराकी की तस्वीरें भी शेयर कीं, जिसमें राष्ट्रीय ध्वज गर्व से थामे हुए और स्मारिका पहने जिया नजर आ रही हैं।
हालांकि, ये कोई पहली बार नहीं है, इससे पहले पिछले साल 17 फरवरी को जिया ने मुंबई के बांद्रा-वर्ली सी लिंक से गेटवे ऑफ इंडिया के बीच की 36 किमी की दूसरी आठ घंटे और 40 मिनट में पूरी की थी। बता दें कि जिया नौसेना के सेलर मदन राय की बेटी हैं। जिया का नाम गिनीज बुक में 'यंगेस्ट स्वीमर' के नाम से दर्ज है। जिया 200 मीटर फ्री स्टाइल, 100 मीटर बैकस्ट्रोक और 100 मीटर बटरफ्लाई तैराकी में गोल्ड मेडल जीत चुकी है और वे अब ओलिंपिक खेलों में भारत का नाम रोशन करना चाहती हैं।
बता दें कि जिया ऑटिज्म से पीड़ित है। यह एक ऐसी स्थिति है जिससे पीड़ित व्यक्ति का दिमाग अन्य लोगों के दिमाग की तुलना में अलग तरीके से काम करता है। पीड़ित व्यक्ति को बातचीत करने में, पढ़ने-लिखने में और लोगों से मेलजोल बनाने में परेशानियां आती हैं। शुरुआत में बच्चे जिया का भी मजाक बनाया करते थे। इससे वह चिढ़ जाती थी। एक दिन उसके पिता उसे स्वीमिंग पूल लेकर गए, जहां वह पानी में खेलने लगी, तब उन्हें लगा कि मेरी बेटी तैराकी में आगे बढ़ सकती है। यहीं से उनकी स्वीमिंग की तैयारी शुरू हुई। वह रोज सुबह-शाम 2 घंटे स्वीमिंग करती है। इसके साथ ही वह 9वीं कक्षा की छात्रा भी हैं।
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