मेनोपॉज क्या बन रही है तलाक की वजह, 65 प्रतिशत महिलाओं ने माना-सेक्स लाइफ पर पड़ा असर

हम ऐसे युग में जी रहे हैं जहां रिश्ते की अहमियत कम होती जा रही है। पति-पत्नी का रिश्ता भी ऐसा लगता है कि शरीर पर टिका हुआ बनकर रह गया है। क्योंकि महिलाओं के रिश्ते मेनोपॉज के बाद ज्यादा टूटने लगे हैं। एक सर्वे में इसका खुलासा हुआ है।

Asianet News Hindi | Published : Aug 18, 2022 11:06 AM IST / Updated: Aug 19 2022, 11:07 AM IST

रिलेशनशिप डेस्क. दुनियाभर में मेनोपॉज तलाक के मामले बढ़ते जा रहे हैं। यूके में तो हालात सबसे ज्यादा खराब हैं। ब्रिटेन में 60 प्रतिशत से ज्यादा महिलाओं के तलाक 40, 50 और 60 की उम्र में होते हैं। ये वो उम्र है जब महिलाएं प्रीमेनोपॉज या मेनोपॉज से गुजरती हैं। मेनोपॉज के कारण होने वाले लक्षण रिश्तों पर दबाव डाल सकते हैं। खासकर जब महिला इससे गुजर रही होती है और उसका पार्टनर केयर नहीं करता हो या फिर उसकी मानसिक स्थिति को नहीं समझ पा रहा हो।

ब्रिटेन स्थित स्टोव फैमिली लॉ ने एक सर्वे किया था। इसके क्षेत्रीय निदेशक रेचल रॉबर्ट्स बताते हैं कि मेनोपॉज तलाक तब होता है जब एक महिला इससे गुजर रही होती है। इतना ही नहीं, हैरान करने वाली बात यह है कि 68 प्रतिशत महिलाओं ने तलाक लेने की पहल की। मेनोपॉज के दौरान मूड स्विंग और पति द्वारा शारीरिक दबाव बनाने की वजह से पत्नियों ने तलाक लिया।

45 से 49 वर्ष की आयु के बीच कपल लेते हैं सबसे ज्यादा तलाक

रेचल कहती है कि मेनोपॉज के सालों में विवाह टूट जाना आम बात है। जब महिलाएं तलाक की अर्जी दाखिल करती हैं और उसने इसकी वजह पूछी जाती है तो वो मेनोपॉज को विवाह टूटने की वजह बताती हैं। नेशनल ऑफिस फॉर स्टैटिस्टिक्स के अनुसार, यूके में 45 से 49 वर्ष की आयु के जोड़ों के लिए तलाक की दर चरम पर है। सर्वेक्षण में शामिल 65 प्रतिशत महिलाओं ने महसूस किया कि उनके मेनोपॉज के सालों में रोमांटिक संबंधों पर नेगेटिव असर पड़ा है। सेक्स लाइफ प्रभावित हुई है, जो कि चिंता का विषय है। दरअसल, प्रीमेनोपॉज और मेनोपॉज के दौरान महिलाओं के हार्मोन में बदलाव होते हैं। 

मेनोपॉज के दौरान महिलाओं में होते हैं कई बदलाव

जिसकी वजह से वो मानसिक रूप से परेशान रहती हैं। स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता है। सेक्स के प्रति अरुचि पैदा होती है। उनका आत्मविश्वास कम होने लगता है। कभी-कभी वो डिप्रेशन में चली जाती हैं। ये सभी वजह रिश्ते को प्रभावित करता है। पार्टनर के साथ ये फिलिंग शेयर नहीं कर पाती हैं, कभी-कभी इनका हमसफर भी इसे नहीं समझ पाता है। जिसकी वजह से घर में झगड़ा बढ़ता है और कम्यूनिकेशन में कमी आ जाती है। हालांकि सिर्फ मेनोपॉज ही तलाक की वजह नहीं होती, इसमें कुछ और भी कारण शामिल होते हैं।

कैसे बचाए रिश्ते को

रेचल बताते है कि  मेरे अनुभव में अगर रिश्ता पहले से ही संघर्ष कर रहा है और इसमें मेनोपॉज भी शामिल हो जाता है तो कपल को दोहरी चुनौती का सामना करना पड़ता है। इसलिए कपल्स को ऐसे वक्त में शांत रहना चाहिए और एक दूसरे की भावना को समझना जरूरी होता है।

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