गुड टच और बैड टच के बारे में बच्चों को बताना है जरूरी, पेरेंट्स को रहना होगा सावधान

आजकल कब किसके साथ क्या गलत हो जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता। अक्सर छोटे-छोटे बच्चों को भी यौन शोषण का शिकार होना पड़ता है। इसके बारे में आसानी से पता भी नहीं चल पाता। 
 

लाइफस्टाइल डेस्क। आजकल कब किसके साथ क्या गलत हो जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता। अक्सर छोटे-छोटे बच्चों को भी यौन शोषण का शिकार होना पड़ता है। इसके बारे में आसानी से पता भी नहीं चल पाता। लेकिन जब पता चलता है, तब तक देर काफी हो जाती है। जो नुकसान होना होता है, वह हो जाता है। अक्सर देखा गया है कि बच्चों के परिचित, उनके परिवार के सदस्य और दूर के रिश्तेदार ही छोटे बच्चों के साथ गलत व्यवहार करते हैं। ऐसा वे बच्चों को बहला-फुसला कर और उन्हें लालच देकर करते हैं। बच्चे अबोध होते हैं, इसलिए आसानी से उनके जाल में फंस जाते हैं। बच्चों के साथ गलत व्यवहार करने वाले उन्हें धमकी भी देते हैं कि वे इन बातों को किसी से नहीं कहें। बच्चों के साथ दुर्व्यवहार और उनका यौन शोषण एक ऐसी समस्या है, जो पेरेंट्स के लिए परेशानी का बहुत बड़ा कारण है। कई पेरेंट्स भी इस मामले में लाचार नजर आते हैं। लेकिन अगर वे बच्चों पर शुरू से ध्यान दें और उन्हें 'गुड टच' और 'बैड टच' के फर्क को समझाएं तो इससे समस्या पर काफी हद तक काबू पाया जा सकता है। जानें बच्चों को कैसे बताएं यह।


1. बच्चों से करें खुल कर बात
बच्चों से खुल कर बात करने में हिचके नहीं। आजकल मीडिया के असर से बच्चे पहले की तुलना में ज्यादा जागरूक हो गए हैं। आप उनसे साफ शब्दों में कहें कि अगर कोई उन्हें छूता है तो उन्हें कैसा महसूस होता है। जो लोग प्यार और स्नेह की भावना से बच्चों को छूते हैं, उन्हें गले से लगाते हैं या उनके गाल थपथपाते हैं, उसका एहसास भिन्न होता है। लेकिन जो लोग गलत मंशा से ऐसा करते हैं, बच्चों को इसका भी एहसास हो जाता है। इसलिए बच्चों को साफ कहें कि किसी के छूने पर उन्हें बुरा महसूस हो तो इसे अपने टीचर या उनसे कहें।

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2. बच्चों को दें 'सीक्रेट' जानकारी
जिस बात को आप 'सीक्रेट' समझते हैं और बच्च्चों को बताने में शर्म महसूस करते हैं, दरअसल अब बच्चों के लिए वह 'सीक्रेट' नहीं है। बच्चे सब जानते हैं। इसलिए आप उनको बताएं कि कोई अगर किसी स्स्थिति में उनके अंगों से छेड़छाड़ करता है तो वे क्या करें। बच्चों को बताएं कि ऐसा करने पर उन्हें इसका विरोध करना चाहिए और शोर मचाना चाहिए। इससे गलत व्यवहार करने वाला खौफ में आ जाएगा और ऐसा नहीं करेगा।

3. जब बच्चा असुरक्षित महसूस करे
आप बच्चों को साफ शब्दों में बताएं कि गलत मकसद से छूना और अच्छे मकसद से छूना, दोनों में क्या अंतर है। उन्हें बताएं कि स्कूल या किसी भी जगह पर कोई उनके साथ छेड़छाड़ करता है तो वे क्या करें। अगर बच्चा कहीं असुरक्षित महसूस करता है तो उसे बताएं कि वह तत्काल शोर मचा कर लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचे और वहां से निकल भागे। वे वहां मौजूद लोगों से पुलिस को सूचना देने के लिए कहें। 

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