रिलेशनशिप में पार्टनर्स के मेंटल हेल्थ का मामला बहुत मायने रखता है। मानसिक बीमारियों के बारे में पहले से किसी को पता नहीं होता। आम तौर पर सिर्फ देख कर भी इसका पता नहीं लगाया जा सकता।
रिलेशनशिप डेस्क। रिलेशनशिप में पार्टनर्स के मेंटल हेल्थ का मामला बहुत मायने रखता है। मानसिक बीमारियों के बारे में पहले से किसी को पता नहीं होता। आम तौर पर सिर्फ देख कर भी इसका पता नहीं लगाया जा सकता। अक्सर बाहर से सामान्य दिखने वाले लोग भी किसी न किसी मानसिक बीमारी के शिकार हो सकते हैं और जरूरी नहीं कि उन्हें भी इसके बारे में पता हो। इसलिए कई बार रिलेशनशिप बनने के बाद इसके बारे में जानकारी मिलती है, तब समस्या बढ़ जाती है। अगर शादी नहीं हुई हो तो कोई भी ऐसे रिलेशन से आसानी से निकल सकता है, लेकिन विवाह हो जाने पर ऐसी स्थिति में परेशानियां आती हैं। ऐसी बात नहीं कि जिन लोगों को कोई मानसिक परेशानी होती है, उनका व्यवहार हर समय खराब ही होता है या उनके साथ नहीं रहा जा सकता। ऐसे लोग भी काफी संवेदनशील होते हैं। इनकी समस्या भी इलाज और काउंसलिंग से दूर हो जाती है। इसलिए ऐसे मामलों में बहुत सोच-समझ कर कदम उठाना चाहिए।
1. सहानुभूति रखें
अगर आपको पता चलता है कि आपका पार्टनर किसी तरह की मानसिक बीमारी का शिकार है तो उसकी उपेक्षा नहीं करें। उसके साथ सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार करें। मानसिक बीमारियां भी शारीरिक बीमारियों की तरह ही होती हैं और उनका इलाज संभव है। इसलिए पता करने की कोशिश करें कि समस्या किस तरह की है और इसका इलाज कैसे हो सकता है।
2. डिप्रेशन बड़ी समस्या नहीं
अगर आपका पार्टनर तनाव या डिप्रेशन का शिकार है तो यह बहुत बड़ी समस्या नहीं है। इसका इलाज अब आसानी से हो जाता है। इसके लिए अच्छी दवाइयां भी अब मौजूद हैं, वहीं काउंसलिंग से स्ट्रेस व तनाव की समस्या दूर हो जाती है। डिप्रेशन के मरीज को कभी ऐसी बात नहीं कहें जिससे उसे मानसिक तकलीफ हो। उसका उत्साह बढ़ाने की कोशिश करें।
3. कहीं गंभीर मानसिक बीमारी तो नहीं
इसका ख्याल रखें कि आपके पार्टनर को कहीं कोई गंभीर मानसिक बीमारी तो नहीं है। कई बार डिप्रेशन या तनाव का सही इलाज नहीं हो तो यह गंभीर मानसिक समस्या में भी बदल जाता है। ऐसा होने पर व्यक्ति को कई तरह के भ्रम होने लगते हैं और वास्तविकता से उसका नाता टूटता चला जाता है। ऐसी हालत में रिलेशनशिप बनाए रखने में परेशानी तो आती है, लेकिन आपको अपने पार्टनर का इलाज कराना होगा। अब हर तरह की मानसिक बीमारी का इलाज संभव है।