आधी आबादी को लेकर PM मोदी का छलका दर्द, बोले- मैं दिल का दर्द कहां कहूं

Published : Aug 15, 2022, 11:37 AM ISTUpdated : Aug 15, 2022, 11:49 AM IST
आधी आबादी को लेकर PM मोदी का छलका दर्द, बोले- मैं दिल का दर्द कहां कहूं

सार

भारत में महिलाओं की स्थिति अच्छी नहीं हैं। उन्हें बाहर ही नहीं घर में भी अपमान का शिकार होना पड़ता है। अपनों के हाथों उनकी अस्मत लूटती है। अपनों के हाथों वो हिंसा की शिकार होती है। पीएम मोदी का महिलाओं को लेकर दर्द झलक पड़ा। उन्होंने कहा कि मेरे भीतर का दर्द कहां कहूंगा।

रिलेशनशिप डेस्क. भारत में महिलाओं को देवी का रूप मानते हैं। लेकिन यह सिर्फ शब्दों में सिमटा हुआ है, वास्तविकता कुछ और है। यहां महिलाएं ना तो बाहर सुरक्षित हैं और ना ही घर में। यहां तक कि वो सोशल मीडिया पर भी मानसिक प्रताड़ना की शिकार होती है। 32 प्रतिशत महिलाएं तो घर में अपने पति और रिश्तेदारों के हाथों शोषित होती हैं। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की मानें तो  15-49 आयु वर्ग की 40 प्रतिशत 'शादीशुदा महिलाओं' ने अपने पति के हाथों भावनात्मक, शारीरिक या यौन हिंसा का अनुभव किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) देश में महिलाओं की स्थिति से वाकिफ हैं। शायद इसी वजह से वो इस बार लाल किले पर भाषण देते-देते इमोशनल हो गए।

पीएम मोदी हुए भावुक

पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से देश में महिलाओं के प्रति लोगों के व्यवहार का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि हमारे आचरण में विकृति आ गई है। हम कभी-कभी महिलाओं का अपमान करते हैं। हमारे बोलचाल में, हमारे व्यवहार में, हमारे कुछ शब्दों में..हम नारी का अपमान करते हैं। उन्होंने सवाल किया कि क्या हम अपने व्यवहार में इससे छुटकारा पाने का संकल्प ले सकते हैं। क्या हम स्वभाव से, संस्कार से, रोजमर्रा की जिंदगी में नारी को अपमानित करने वाली हर बात से मुक्ति का संकल्प ले सकते हैं। पीएम मोदी यह कहते कहते भावुक नजर आए। 

महिलाएं विकास का अहम स्तंभ

उन्होंने आगे कहा कि भारत के विकास के लिए महिलाओं का सम्मान एक अहम स्तंभ है। हमें  अपनी ‘नारी शक्ति’ का समर्थन करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अगर हम सभी अपनी जिम्मेदारी निभाएं तो भारत तेजी से तरक्की करेगा। 

अपनों के हाथों रेप की शिकार होती हैं ज्यादा महिलाएं

एनसीआरबी के आंकड़ों से पता चलता है कि अजनबियों द्वारा की जाने वाली हिंसा भारत में एक महिला पर ज्ञात व्यक्तियों द्वारा की जाने वाली हिंसा की तुलना में किसी खतरे से कम नहीं है। पीड़ितों के साथ अपराधियों की निकटता पर 2015 के एनसीआरबी डेटा से पता चलता है कि सभी बलात्कार के 95% मामलों में, अपराधी पीड़िता को जानता था। उदाहरण के लिए, 27% बलात्कार पड़ोसियों द्वारा और 9% तत्काल परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों द्वारा किए गए थे। इसके अलावा सभी रेप के मामलों में कम से कम  2% में लिव-इन पार्टनर या पति शामिल थे।  1.6% सहकर्मियों के द्वारा किया गया और 33% अन्य पहचान वालों के द्वारा किया गया था।

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