अक्सर लोग पहली नजर में होने वाले प्यार की बात कहते हैं। लोगों का कहना है कि पहली नजर में होने वाला प्यार कोई कभी नहीं भुला पाता। इसे लेकर एक रिसर्च स्टडी की गई है।
लाइफस्टाइल डेस्क। अक्सर लोग पहली नजर में होने वाले प्यार की बात करते हैं। लोगों का कहना है कि पहली नजर में जो प्यार होता है, उसे भुला पाना संभव नहीं होता। यह बात इतनी प्रचलित हो गई कि 'लव एट फर्स्ट साइट' एक मुहावरा ही बन गया। लेकिन क्या यह सच है? क्या सच में प्य़ार पहली नजर में होता है? इस बात को लेकर काफी लोगों के मन में उत्सुकता बनी रहती है। यहां तक कि वैज्ञानिकों ने भी इसकी सच्चाई को जानने की कोशिश की और इसके लिए एक रिसर्च स्टडी की गई। इस स्टडी के जो परिणाम सामने आए, वे चौंकाने वाले हैं। बता दें कि यह रिसर्च स्टडी नीदरलैंड्स यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पिछले साल की थी।
क्या पता चला स्टडी में
इस रिसर्च स्टडी में 18 से 25 साल की उम्र के करीब 396 लोगों को शामिल किया गया। इनमें 60 प्रतिशत लड़कियां थीं। स्टडी के दौरान सर्वे में शामिल किए गए लोगों से कई तरह के सवाल किए गए और उनकी प्रतिक्रियाएं नोट की गईं। इस सर्वे में यह पाया गया कि पहली नजर में प्यार होने की संभावना सिर्फ 40 से 35 फीसदी तक होती है और इसके पीछे मुख्य कारण यौन आकर्षण होता है। शोधकर्ताओं ने कहा कि इसे पूरी तरह प्यार कहा जाना सही नहीं है, क्योंकि प्यार के पीछे सिर्फ सेक्शुअल अट्रैक्शन ही एकमात्र वजह नहीं होती। शोधकर्ताओं का कहना था कि प्यार के पीछे कुछ ऐसी फीलिंग्स होती है, जिनके उभरने में वक्त लग जाता है।
क्या था स्टडी का तरीका
इस स्टडी के दौरान युवा लड़के-लड़कियों को कई अजनबी लोगों की तस्वीरें दिखाई गईं और एक ऑनलाइन सर्वे में उनसे कुछ सवाल पूछे गए। सवाल प्यार, इंटिमेसी, कमिटमेंट, पैशन और यौन आकर्षण से जुड़े थे। इस सर्वे में शामिल ज्यादातर लोगों ने तस्वीर देख कर जल्दी ही अपनी पसंद जाहिर कर दी और कहा कि उनमें प्यार की फीलिंग पैदा हुई है। इस स्टडी में यह देखा गया कि कम उम्र के प्रतिभागियों ने तस्वीर देख कर अपना प्यार जाहिर करने में जरा भी देर नहीं की। वहीं, ज्यादा मेच्योर लोगों ने कहा कि इस तरह वे यह बता पाने में असमर्थ हैं कि उन्हें प्यार की कोई फीलिंग हुई है।
मिलने का भी दिया मौका
इस स्टडी के दूसरे स्टेज में शोधकर्ताओं ने लड़के-लड़कियों को आधे घंटे से डेढ़ घंटे तक मिलने का मौका भी दिया। इसके बाद उनसे उनकी प्रतिक्रिया पूछी गई। शोधकर्ताओं का कहना था कि उन्हें जो जवाब मिले, वे कन्फ्यूजन से भरे थे। उनसे यह जाहिर नहीं हो पा रहा था कि मिलने के बाद या साथ कुछ समय बिताने के बाद उन्हें वाकई प्यार की कोई फीलिंग हुई थी। ज्यादातर लोगों ने जो जवाब दिए, उससे शोधकर्ताओं ने यही निष्कर्ष निकाला कि पहली नजर में प्यार होने के पीछे कोई ठोस आधार नहीं है। पहली नजर में ज्यादा से ज्यादा एक शारीरिक आकर्षण पैदा होता है, जिसे भूल से प्यार समझ लिया जाता है।