Research : ज्यादा संवेदनशीलता भी होती है रिश्ते के टूटने की वजह

प्यार का संबंध किसी भी व्यक्ति के जीवन में बड़ा बदलाव ला देता है। प्यार के रिश्ते में रहने पर इंसान का उत्साह बढ़ जाता है। इससे उसकी क्रिएटिविटी बढ़ती है। लेकिन कई बार इस मामले में ज्यादा संवेदनशीलता नुकसानदेह हो जाती है।

Asianet News Hindi | Published : Dec 29, 2019 7:34 AM IST / Updated: Dec 29 2019, 01:08 PM IST

रिलेशनशिप डेस्क। प्यार का संबंध किसी भी व्यक्ति के जीवन में बड़ा बदलाव ला देता है। प्यार के रिश्ते में रहने पर इंसान का उत्साह बढ़ जाता है। इससे उसकी क्रिएटिविटी बढ़ती है। लेकिन कई बार इस मामले में ज्यादा संवेदनशीलता नुकसानदेह हो जाती है। एक रिसर्च स्टडी से इसका खुलासा हुआ है। आजकल देखा जा रहा है कि लोगों के जितने जल्दी संबंध बनते हैं, उतनी जल्दी ब्रेकअप भी हो जाता है। इसे लेकर एक रिसर्च स्टडी की गई। इससे पता चला कि कई बातें जिन्हें हम पॉजिटिव मानते हैं, वे भी रिलेशनशिप को खराब करने में भूमिका निभाती हैं। जानें क्या आया इस स्टडी से सामने।

यह स्टडी अमेरिका की मिशिगन यूनिवर्सिटी में की गई। यह स्टडी यूनिवर्सिटी के ह्यूमन साइकोलॉजी डिपार्टमेंट द्वारा प्रकाशित की गई है। इसमें सबसे चौंकाने वाली बात यह सामने आई है कि ज्यादा संवेदनशीलता भी रिश्ते के टूटने की एक वजह बन जाती है। संवेदनशीलता को एक बढ़िया गुण माना गया है। किसी भी संबंध को ठीक से बनाए रखने और उसे आगे बढ़ाने के लिए इंसान का संवेदनशील होना जरूरी है। लेकिन कई बार ज्यादा संवेदनशीलता दिखाने से पार्टनर इरिटेट हो जाता है और वह संबंधों से पीछा छुड़ाने की कोशिश करने लगता है। उसे यह महसूस होता है कि वह किसी तरह के बंधन में बंधता जा रहा है और पर्सनल स्पेस की उसे कमी होती जा रही है।

दरअसल, जरूरी नहीं कि एक पार्टनर दूसरे को जिस हद तक प्यार करे, दूसरा भी उससे उतना ही प्यार करे। जब दोनों तरफ से प्यार की तीव्रता समान नहीं होती तो इसका एहसास भी हो जाता है। एक पार्टनर के व्यवहार से दूसरे को पता चल जाता है कि वह उसे कितना चाहता है और किस हद तक उसकी परवाह करता है। अगर उसे महसूस होता है कि उसका पार्टनर उसे उस हद तक नहीं चाहता, जितना वह उसे चाहता है तो स्वाभाविक है, उसे काफी तकलीफ होती है। संवेदनशील होने के कारण उसे पीड़ा का एहसास ज्यादा ही होता है। 

ज्यादा संवेदनशील होने की वजह से पार्टनर की यह स्वाभाविक अपेक्षा होती है कि उस पर ध्यान दिया जाए और उसके मैसेज आदि का जवाब तो कम से कम उसे मिले। लेकिन जरूरी नहीं कि पार्टनर उसके मनमुताबिक उसकी परवाह करे। कई लड़के-लड़कियां आजकल ऐसे भी होते हैं जो महज दिलबहलाव के लिए रिलेशन बनाते हैं। इनके चक्कर में कोई संवेदनशील इंसान पड़ गया तो उसे झटके झेलने ही होंगे। स्टडी में बताया गया है कि इसी वजह से अधिक संवेदनशील लोग रिश्ते में निराशा का ज्यादा अनुभव करते हैं। अगर वे अपनी ओर से रिश्ता ना भी तोड़ें, फिर भी उनका पार्टनर मतलब से ही उनसे संबंध रखता है। इसका परिणाम अंत में अच्छा नहीं होता और रिश्ता टूट जाता है।  

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