हर शादीशुदा जोड़े के बीच लड़ाई होना आम बात है। लेकिन जब झगड़े ज्यादा ही बढ़ जाते हैं तो जिंदगी नरक के समान हो जाती है।
लाइफस्टाइल डेस्क। शादीशुदा जिंदगी में तकरार होना आम बात है। छोटे-मोटे झगड़े तो होते ही रहते हैं, पर जब मामूली बातों पर भी लगातार लड़ाई होती है तो जिंदगी नारकीय हो जाती है। इसका बुरा असर फैमिली के दूसरे मेंबर्स पर भी पड़ता है। अगर बच्चे हों तो उन पर पेरेंट्स के बीच होने वाली लड़ाई का बहुत ही खराब असर होता है। वे उदास रहने लगते हैं और कई बार डिप्रेशन के शिकार हो जाते हैं। इसलिए वैवाहिक जीवन में लड़ाई-झगड़े से बचने की कोशिश करनी चाहिए। इससे फैमिली में खुशी का माहौल बना रहता है, वहीं पति-पत्नी भी मैरिड लाइफ का आनंद ले पाते हैं। महिलाएं कई बार ऐसी बातें करती हैं, जिनसे तकरार बढ़ जाती है। जानें कौन-सी बातों की चर्चा ठीक नहीं होती।
1. पुरानी बातें याद मत दिलाएं
कई बार लड़ाई होने पर औरतें बहुत पुरानी बातों को सामने ले आती हैं, जिनका अब कोई मतलब ही नहीं रहता। औरतें पुरानी बातों को गांठ बांध कर रखती हैं और लड़ाई-झगड़े के वक्त पिटारा खोल देती हैं। इससे बेकार की बदमजगी बढ़ती है। इसलिए जो तात्कालिक मुद्दा हो, उसी पर चर्चा करनी चाहिए। पुरानी बातें दोहराने का कोई फायदा नहीं होता।
2. सास-ससुर की बुराई करना
अक्सर पति से किसी तरह का विवाद होने पर पत्नियां सास-ससुर का शिकायत करने लगती हैं और उन्हें जली-कटी सुनाती हैं, भले ही वे पास हों या नहीं। ऐसे में किसी भी पति को बहुत बुरा लगता है। अपने मां-बाप की शिकायत कोई बर्दाश्त नहीं कर पाता। इससे झगड़ा बढ़ जाता है। औरतों को चाहिए कि विवाद के दौरान अपने सास-ससुर को बीच में न लाएं।
3. पति का करती हैं अपमान
अक्सर लड़ाई होने पर पत्नियां अपने पति के लिए अपमानजनक बातें कहने लगती हैं। पति को नाकारा और नालायक बताने लगती हैं और उस क्षण को कोसने लगती हैं, जब उसकी शादी तय हुई। इस अपमान से पति बौखला जाता है और लड़ाई शांत होने की जगह बढ़ जाती है।
4. पति पर बेवजह शक करना
कई बार पत्नियां पति पर बेवजह शक करने लगती हैं और हर बात पर पूछताछ करती हैं। कहीं से फोन आया तो पूछती हैं किसका फोन था, किसी को पति ने फोन किया तो पूछती हैं किससे बात कर रहे थे। पति कहीं जा रहा हो तो, इसे लेकर भी पूछती हैं। बार-बार हर छोटी-बड़ी बात पूछने से पति भी खीज उठता है और यह भी झगड़े की वजह बन जाता है।
5. दूसरों से तुलना करना
कई महिलाओं की आदत होती है कि वे हर समय दूसरों से अपनी तुलना करती हैं। अगर पड़ोस में किसी के घर कोई नई चीज आए तो इसके लिए भी पति को उलाहना देती हैं कि उनके यहां ये चीज आई, तुम ला नहीं सकते। कई बार पड़ोस की किसी महिला का पति नई साड़ी लाता है तो इस पर भी अपने पति को उलाहना देने से बाज नहीं आतीं। कहती हैं कि तुम मुझे कोई अच्छी चीज लाकर नहीं देते। मेरी तो किस्मत ही फूट गई कि तुमसे शादी हुई। फलां अपनी बीवी को लेकर कहां नहीं घूमने गया, मैं घर से भी नहीं निकली। इस तरह की शिकवा-शिकायतों से कोई फायदा नहीं होता, झगड़े शुरू हो जाते हैं।