5 देवता, जिनकी मूर्ति घर में रखना माना जाता है अशुभ, जानिए क्या है इसका कारण

घर में देवी-देवताओं की मूर्तियां रखने की परंपरा पुराने समय से चली आ रही है। मान्यता है कि इस परंपरा से घर पर भगवान की विशेष कृपा रहती है और परिवार सुखी रहता है। इसीलिए सभी लोग अपने-अपने घर में प्रतिमाएं जरूर रखते हैं।

Asianet News Hindi | Published : Nov 6, 2019 3:59 AM IST / Updated: Nov 06 2019, 11:54 AM IST

उज्जैन. ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार शास्त्रों में कुछ देवता ऐसे बताए गए हैं, जिनकी मूर्तियां घर में नहीं रखनी चाहिए। जानिए ये देवता कौन-कौन से हैं...

भैरव महाराज
शिवपुराण के अनुसार भैरव भगवान शिवजी के ही अवतार हैं। शिवजी के अवतार होने के बावजूद घर में इनकी प्रतिमा रखना अशुभ माना जाता है। भैरव भगवान की मूर्ति खुले स्थान स्थापित की जाती है। ये तंत्र के देवता हैं। इनकी पूजा खासतौर पर तंत्र कर्म के लिए की जाती है। तंत्र कर्म घर के बाहर ही किए जाते हैं। इसीलिए घर में भैरव महाराज की स्थापना नहीं की जाती है।

नटराज
कई लोग घर में सुंदरता की दृष्टि से नटराज की मूर्ति रखते हैं, क्योंकि ये बहुत ही आकर्षक होती है। नटराज की मूर्ति में शिवजी का रौद्र यानी क्रोधित रूप दिखाई देता है। शिवजी के क्रोधित स्वरूप घर में रखने से अशांति बढ़ती है। जो लोग शिवजी के क्रोधित स्वरूप के रोज दर्शन करते हैं, उनके स्वभाव में भी क्रोध बढ़ने लगता है।

शनि देव
ज्योतिष में शनि को न्यायाधीश और क्रूर ग्रह कहा गया है। यही ग्रह हमारे कर्मों का फल प्रदान करता है। सूर्य पुत्र शनि देव क्रूर ग्रह है, इसकारण इनकी मूर्ति घर में रखना अशुभ माना जाता है। इनकी पूजा घर के बाहर किसी मंदिर में ही करना चाहिए, इनकी मूर्ति घर में लाने से बचना चाहिए।

राहु-केतु
राहु-केतु छाया ग्रह हैं। ये असुर थे और इन्होंने देवताओं के साथ अमृत पान किया था। इस कारण ये अमर हो गए। राहु सिर है और केतु उसका धड़। राहु ने भगवान विष्णु की भक्त की, जिससे ये भी देवताओं की श्रेणी में आ गया। ये दोनों ही ग्रह क्रूर माने गए हैं। इनकी पूजा घर से बाहर करना ज्यादा शुभ रहता है। इसीलिए इनकी मूर्तियां घर में स्थापित नहीं की जाती हैं।

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