Deep Dive With Abhinav Kahre: कोई मिथक नहीं है गीता

गीता को एक पौराणिक कथा कहा जाता रहा है, लेकिन लोग यह नहीं समझ पाते कि 3200 साल पहले भी, कृष्ण सितारों की सटीक स्थिति बता सकते थे। गीता निश्चित रूप से मिथक नहीं है।

Abhinav Khare | Published : Oct 16, 2019 2:48 PM IST / Updated: Nov 18 2019, 03:58 PM IST

कृष्ण अर्जुन से कहते हैं कि वह ईश्वर का सर्वश्रेष्ठ स्वरूप हैं और अन्य सभी देवता वास्तव में उनके ही रूप हैं। कृष्ण इस ब्रह्मांड की सकारात्मक शक्ति और नकारात्मक शक्ति दोनों हैं: कृष्ण ही दर्द, खुशी, साहस और भय हैं। वह व्यक्ति जो कृष्ण को सभी रूपों का निर्माण करते हुए देख लेता है वह जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्त हो जाता है। कृष्ण के अनुसार आराधना का उच्चतम स्तर देवत्व में प्रवेश करके कृष्ण को सभी चीजों के स्त्रोत के रूप में देखना है। अर्जुन कृष्ण पर भरोसा करता है और उनसे उनके बाकी अवतारों के बारे में पूछता है ताकि वो आसानी से सारी बातों को समझ सके। तब कृष्ण अपने सभी रूपों को धारण करते हैं, जिसमें कृष्ण का खुद का रूप सहित ओम, हिमालय, विष्णु, शिव, आदि के रूप शामिल हैं।  

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महर्षय: सप्त पूर्वे चत्वारो मनवस्तथा |
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सप्तऋषि, चार संत और चौदह मनु सभी कृष्ण की रचना हैं। पृथ्वी पर मौजूद हर चीज का उद्गम कृष्ण से ही है। सप्तऋषि एक तारामंडल है जिसे शक्तिशाली दूरबीनों की मदद से बाद में खोजा गया है. इसे अब उरसा मेजर कहा जाता है। गीता को एक पौराणिक कथा कहा जाता रहा है, लेकिन लोग यह नहीं समझ पाते कि 3200 साल पहले भी, कृष्ण सितारों की सटीक स्थिति बता सकते थे। गीता निश्चित रूप से मिथक नहीं है।
 


विश्लेषण

अर्जुन ने श्रीकृष्ण से सवाल किया कि जब वह भगवान को देख नहीं सकता तब वह भगवान को कैसे महसूस करे। कृष्ण का जवाब था भगवान हर जगह हैं- प्रकृति में, प्राणियों में, ऐतिहासिक और पुराणिक हर चीज में भगवान अलग-अलग रूप में पाए जाते हैं। हमें हर समय कर्म और आध्यात्म के जरिए भगवान की आराधना करनी चाहिए। विशालकाय या सूक्ष्म, शुद्ध या अशुद्ध, सरल या जटिल: भगवान हर जगह मौजूद हैं। इस जगत में ऐसी कोई भी जगह नहीं है, जहां भगवान न हों। भगवान हम सभी के लिए समान रूप से उपलब्ध हैं, वह दयालु, ज्ञानवान, कुशल और कोमल स्वभव के हैं। भगवान हमेशा हमारी मदद करते हैं इसलिए हमें सिर्फ कर्म करना चाहिए फल की चिंता नहीं करनी चाहिए।

कौन हैं अभिनव खरे

अभिनव खरे एशियानेट न्यूज नेटवर्क के सीईओ हैं, वह डेली शो 'डीप डाइव विथ अभिनव खरे' के होस्ट भी हैं। इस शो में वह अपने दर्शकों से सीधे रूबरू होते हैं। वह किताबें पढ़ने के शौकीन हैं। उनके पास किताबों और गैजेट्स का एक बड़ा कलेक्शन है। बहुत कम उम्र में दुनिया भर के सौ से भी ज्यादा शहरों की यात्रा कर चुके अभिनव टेक्नोलॉजी की गहरी समझ रखते है। वह टेक इंटरप्रेन्योर हैं लेकिन प्राचीन भारत की नीतियों, टेक्नोलॉजी, अर्थव्यवस्था और फिलॉसफी जैसे विषयों में चर्चा और शोध को लेकर उत्साहित रहते हैं। उन्हें प्राचीन भारत और उसकी नीतियों पर चर्चा करना पसंद है इसलिए वह एशियानेट पर भगवद् गीता के उपदेशों को लेकर एक सक्सेजफुल डेली शो कर चुके हैं।
अंग्रेजी, हिंदी, बांग्ला, कन्नड़ और तेलुगू भाषाओं में प्रासारित एशियानेट न्यूज नेटवर्क के सीईओ अभिनव ने अपनी पढ़ाई विदेश में की हैं। उन्होंने स्विटजरलैंड के शहर ज्यूरिख सिटी की यूनिवर्सिटी ETH से मास्टर ऑफ साइंस में इंजीनियरिंग की है। इसके अलावा लंदन बिजनेस स्कूल से फाइनेंस में एमबीए (MBA)भी किया है।

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