Deep Dive With Abhinav Khare: स्वयं की पहचान ही मोक्ष का जरिया है

इस अध्याय में कृष्ण अर्जुन को आत्मा और शरीर के बीच का अंतर समझाते हैं। कृष्ण के अनुसार शरीर एक वस्तु है जिसे आत्मा संचालित करती है।

Abhinav Khare | Published : Oct 18, 2019 4:47 PM IST / Updated: Nov 18 2019, 03:57 PM IST

इस अध्याय में कृष्ण अर्जुन को आत्मा और शरीर के बीच का अंतर समझाते हैं। कृष्ण के अनुसार शरीर एक वस्तु है जिसे आत्मा संचालित करती है। एक बुद्धिमान इंसान खुद को भली-भांति जानता है और आत्मा तथा परमात्मा के बीच का अंतर समझने के लिए आतुर रहता है। कृष्ण के अनुसार यह प्रामाणिक ज्ञान है। कृष्ण अर्जुन से कहते हैं कि एक व्यक्ति जिसने यह ज्ञान प्राप्त कर लिया है वह मोक्ष प्राप्ति के लिए तैयार है। एक व्यक्ति का स्वभाव हमेशा प्रकृति के साथ बातचीत करता है। यह बातचीत सकारात्मक या नकारात्मक, प्यार भरी या भावुक अथवा नीरस भी हो सकती है। प्रकृति ही इन सभी गतिविधियों और सारी अव्यवस्थाओं के लिए जिम्मेदार है। इसके बाद भी हर इंसान को खुद को प्रकृति और शरीर दोनों से सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा से अलग रखना चाहिए। कृष्ण अर्जुन को यह स्पष्ट करते हैं कि स्वयं भगवान प्रकृति और शरीर दोनों से साकार रूप से अवतरित होने के बाद भी निराकार हैं। 

Deep Dive with Abhinav Khare

पसंदीदा श्लोक
यथा प्रकाशयत्येक: कृत्स्नं लोकमिमं रवि: |
क्षेत्रं क्षेत्री तथा कृत्स्नं प्रकाशयति भारत || 

Abhinav Khare

जिस प्रकार हमारे पास सूर्य है जो पूरे सौर मंडल को प्रकाशित करता है, उसी तरह हमारी आत्मा है जो चेतना के साथ हमारे पूरे शरीर को प्रबुद्ध करती है।

 

विश्लेषण
गीता के इस अध्याय में कृष्ण हमारे अस्तित्व के तीन तत्वों की बात करते हैं: क्षेत्र, ज्ञान और ज्ञान की वस्तु। क्षेत्र में प्रकृति और शरीर शामिल हैं, जो कि 5 तत्व और 10 इंद्रियां से बने हैं। कृष्ण के अनुसार ज्ञाता इंसान खुद हैं। और श्रीकृष्ण ज्ञाता को ईश्वर के समकक्ष मानते हैं, इसलिए ज्ञाता ही ईश्वर ही है। ईश्वर हर इंसान के अंदर है भले ही वह उसे महसूस न कर पा रहा हो। जब हम खुद को अपने शरीर से अलग कर लेते हैं और अपनी आत्मा को पहचान लेते हैं तभी हम कृष्ण के करीब पहुंच जाते हैं। इस अध्याय में कृष्ण कई बार ज्ञान का जिक्र करते हैं। एक इंसान जब भी ज्ञान की प्राप्ति कर लेगा और कृष्ण की इन बातों के समझकर अपनी आत्मा की पहचान कर लेगा। उसे जन् और मृत्यु के इस चक्र से मुक्ति मिल जाएगी।   

कौन हैं अभिनव खरे

अभिनव खरे एशियानेट न्यूज नेटवर्क के सीईओ हैं, वह डेली शो 'डीप डाइव विथ अभिनव खरे' के होस्ट भी हैं। इस शो में वह अपने दर्शकों से सीधे रूबरू होते हैं। वह किताबें पढ़ने के शौकीन हैं। उनके पास किताबों और गैजेट्स का एक बड़ा कलेक्शन है। बहुत कम उम्र में दुनिया भर के सौ से भी ज्यादा शहरों की यात्रा कर चुके अभिनव टेक्नोलॉजी की गहरी समझ रखते है। वह टेक इंटरप्रेन्योर हैं लेकिन प्राचीन भारत की नीतियों, टेक्नोलॉजी, अर्थव्यवस्था और फिलॉसफी जैसे विषयों में चर्चा और शोध को लेकर उत्साहित रहते हैं। उन्हें प्राचीन भारत और उसकी नीतियों पर चर्चा करना पसंद है इसलिए वह एशियानेट पर भगवद् गीता के उपदेशों को लेकर एक सक्सेजफुल डेली शो कर चुके हैं।
अंग्रेजी, हिंदी, बांग्ला, कन्नड़ और तेलुगू भाषाओं में प्रासारित एशियानेट न्यूज नेटवर्क के सीईओ अभिनव ने अपनी पढ़ाई विदेश में की हैं। उन्होंने स्विटजरलैंड के शहर ज्यूरिख सिटी की यूनिवर्सिटी ETH से मास्टर ऑफ साइंस में इंजीनियरिंग की है। इसके अलावा लंदन बिजनेस स्कूल से फाइनेंस में एमबीए (MBA)भी किया है।

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