नवरात्रि पर लिंग भैरवी का देवी अभिषेकम पहली बार ईशा योग केंद्र से लाइव स्ट्रीम किया जाएगा। सद्गुरु ने कहा कि जो देवी की कृपा प्राप्त करता है वह एक धन्य प्राणी है। आप एक ऐसा जीवन जीने लगेंगे जो आपकी कल्पना, क़ाबिलियत और क्षमताओं से कहीं परे है।
Navratri Special: सद्गुरु का ईशा फाउंडेशन पहली बार इस नवरात्रि पर प्रसिद्ध लिंग भैरवी मंदिर में होने वाले नवरात्रि अभिषेकम का सीधा प्रसारण करने जा रहा है। देवी का मंदिर कोयंबटूर में वेल्लियांगिरी में स्थित है। 8 फीट ऊंची देवी की अद्वितीय प्रतिमूर्ति, जो लिंग के रूप में अपनी अभिव्यक्ति में अद्वितीय हैं, का पूरी दुनिया दर्शन कर सकेगी।
कब होगा प्रसारण...
नवरात्रि पर लिंग भैरवी मंदिर में देवी का अभिषेकम 26 सितंबर को लाइव किया जाएगा। देवी भक्त, नवरात्रि अभिषेकम 26 सितंबर, 1 अक्टूबर और 2 अक्टूबर को शाम 5:40 बजे से शाम 6:15 बजे तक देख सकेंगे। यह लिंग भैरवी के यूट्यूब पेज पर देखा जा सकता है।
भक्त लाइव स्ट्रीम https://www.youtube.com/user/LingaBhairavi पर देख सकते हैं
एक दशक पहले ही देवी की प्राण-प्रतिष्ठा की गई थी
2010 में लिंग भैरवी को सद्गुरु द्वारा प्राण-प्रतिष्ठा किया गया था। लिंग भैरवी देवी की प्राण-प्रतिष्ठा एक दुर्लभ रहस्यमय प्रक्रिया के माध्यम से किया गया था। इसमें एक पत्थर को एक दैव्य अभिव्यक्ति में बदलने के लिए जीवन ऊर्जा का उपयोग किया जाता है। एक ठोस पारे से बनी नीव के साथ एक शक्तिशाली ऊर्जा रूप, लिंग भैरवी दिव्य स्त्री के सभी तीन आयामों को प्रकट करता है, जिसे पारंपरिक रूप से दुर्गा, लक्ष्मी और सरस्वती के रूप में दर्शाया जाता है।
लिंग भैरवी की कृपा से कोई बाधा नहीं आती
लिंग भैरवी देवी के बारे में सद्गुरु ने बताया कि भैरवी की कृपा प्राप्त करने वालों को न तो जीवन या मृत्यु, न ही गरीबी या असफलता की चिंता या भय में रहना पड़ता है। मनुष्य जिसे खुशहाली मानते हैं, वह सब उनका होगा, यदि वे भैरवी की कृपा अर्जित करते हैं। हजारों भक्त हर दिन मंदिर में देवी की कृपा पाने के लिए आते हैं। देवी भैरवी का दर्शन विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद हो सकते हैं जो खुशहाली चाहते हैं या डर पर काबू पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। मंदिर क्षेत्र में विभिन्न प्रसाद उपलब्ध हैं जिन्हें इस वर्ष ऑनलाइन भी अर्पण किया जा सकता है। इससे भक्तों को देवी की प्रचुर कृपा का लाभ मिल सके। देवी के मंदिर में ऐसे अनूठे अनुष्ठान भी उपलब्ध हैं जो जीवन में जन्म से लेकर मृत्यु तक और बीच में हर कदम पर मदद करते हैं।