कभी न करें ये पांच काम, हमेशा होगा अपमान

कई बार लोग दिखावा करने के चक्कर में अपनी हैसियत से ऊपर जाकर दान करते हैं। पर ऐसे में उनको और उनके परिवार को धन से संबंधित अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यदि वह एसा बार-बार करते हैं तो कई बार स्थिति बहुत ही कठिन हो जाती है। इसलिए दान देते समय अपनी आर्थिक स्थिति जरूर देख लेनी चाहिए

Asianet News Hindi | Published : Sep 8, 2019 2:55 PM IST

उज्जैन. आम जीवन में कई बार हम कुछ ऐसे काम कर जाते हैं, जिनका हमें पछतावा भी होता है। और हमें अपमानित भी होना पड़ता है। गरुड़ पुराण में भी कुछ ऐसे कामों के बारे में बताया भी गया है, जिसके कारण व्यक्ति को अपमानित होना पड़ता है। हम आपको ऐसे ही पांच कामों के बारे में बता रहे हैं जिनको करने से हमेशा बचना चाहिए। 

श्लोक
दाता दरिद्र: कृपणोर्थयुक्त: पुत्रोविधेय: कुजनस्य सेवा।
परापकारेषु नरस्य मृत्यु: प्रजायते दुश्चरितानि पञ्च।।

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अर्थ: 1. दरिद्र होकर दाता होना, 2. धनवान होने पर भी कंजूस होना, 3. पुत्र का आज्ञाकारी न होना, 4. दुष्ट लोगों की सेवा करना तथा 5. किसी का अहित करते हुए मृत्यु होना। इन 5 कामों से अपमान ही मिलता है।

1. दरिद्र होकर दाता होना
कई बार लोग दिखावा करने के चक्कर में अपनी हैसियत से ऊपर जाकर दान करते हैं। पर ऐसे में उनको और उनके परिवार को धन से संबंधित अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यदि ऐसा वह बार-बार करता है तो कई बार स्थिति बहुत ही कठिन हो जाती है। इसलिए दान देते समय अपनी आर्थिक स्थिति जरूर देख लेना चाहिए, नहीं तो आगे जाकर अपमान का सामना करना पड़ सकता है।

2. धनवान होने पर भी कंजूस होना
 सोच-समझकर पैसा खर्च करना अच्छी बात है, लेकिन जब ये जरूरत से ज्यादा हो जाता है तो आप कंजूस की श्रेणी में आ जाते हैं। और धनवान व्यक्ति के लिए कंजूसी भी अपमान का कारण बन सकती है। जिस जगह जितना खर्च करना जरूरी है, उतना करना ही चाहिए। अगर आप वहां से भी पैसा बचाने की कोशिश करेंगे तो लोग आपको कंजूस समझेंगे। और कई बार आपको अपमान का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए पैसों का सही उपयोग करें, लेकिन कंजूस न बनें।

3. पुत्र का आज्ञाकारी न होना
अगर आपका पुत्र आज्ञाकारी न हो तो इससे बड़ा कोई दुख नहीं है। जो पूत्र अपने पिता की बात नहीं मानता, वह कई बार अपने कामों से सिर्फ पिता ही नहीं बल्कि पूरे परिवार को अपमानित करता है। दुर्योधन के कारण धृतराष्ट्र का राजपाट ही नहीं बल्कि पूरे परिवार का ही नाश हो गया। इसलिए हमेशा अपने पुत्र को सही संस्कार देने चाहिए व उसको आज्ञाकारी बनाना चाहिए। 

4. दुष्ट लोगों की सेवा करना
 जो लोग बुरे काम करते हैं, वे हमेशा अपने निजी स्वार्थ के बारे में सोचते हैं। जरूरत पड़ने पर वह अपने साथी को भी बलि का बकरा बना सकते हैं। जिस दिन इन लोगों की सच्चाई सामने आती हैं इनके परिवार वालों की भी शर्मिंदा होना पड़ता है। उनके साथ-साथ ऐसे लोगों के साथ रहने वाले लोगों भी अपमानित होना पड़ता है। इसलिए बुरे काम करने वाले लोगों से दूर रहने में भलाई है।

5. किसी का अहित करते हुए मृत्यु होना
अगर किसी का नुकसान करते हुए आपकी मौत हो जाती है तो ये भी अपमान का कारण है। किसी का अहित करते हुए मरने पर आपकी सालों से कमाई इज्जत मिट्टी में मिल जाती है। आपके परिवार व आने वाली पीढ़ियों को भी आपके इस काम के कारण शर्मिंदा होना पड़ सकता है। साथ ही आप अपनी इस गलती का कभी प्रयाश्चित भी नहीं कर सकते। इसलिए कभी भी किसी का नुकसान करने के बारे में सोचना भी नहीं चाहिए।
 

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