
Amla Navami Ki Katha In Hindi: आंवले का पेड़ आयुर्वेद की दृष्टि से बहुत ही गुणकरी माना गया है। इसके फल में कईं तरह के जरूर विटामिन होते हैं जो हमारे शरीर को निरोगी बनाए रखने में बहुत उपयोगी होते हैं। कार्तिक मास में आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है। इसे आंवला नवमी कहते हैं। इस बार आंवला नवमी का पर्व 30 अक्टूबर, गुरुवार को है। पंचांग भेद के कारण कुछ स्थानों पर 31 अक्टूबर को भी आंवला नवमी का पर्व मनाया जाएगा। आंवला नवमी से जुड़ी एक रोचक कथा भी है। जो लोग आंवला नवमी पर आंवले के पेड़ की पूजा करते हैं, उनके लिए ये कथा सुनना जरूरी होता है। इस कथा को सुने बिना व्रत का पूरा फल नहीं मिलता। आगे जानिए आंवला नवमी की कथा…
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- प्रचलित कथा के अनुसार, एक बार देवी लक्ष्मी पृथ्वी पर घूमने आईं। यहां उनके मन में भगवान विष्णु और शिवजी दोनों की पूजा एक साथ करने का विचार आया। पर ये कैसे संभव हो सकता है, इस बारे में काफी देर तक सोचने के बाद उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि आंवला के पेड़ की पूजा करने से दोनों देवताओं की पूजा एक साथ हो सकती है।
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- इसके पीछे का कारण ये था कि आंवले में तुलसी (विष्णु को प्रिय) और बेल (शिव को प्रिय) दोनों के गुण एक साथ विद्यमान हैं। इस तरह अगर आंवले के पेड़ की पूजा की जाए तो शिव और विष्णु दोनों की ही पूजा एक साथ करना संभव है। ये सोचकर देवी लक्ष्मी ने आंवले के वृक्ष में ही भगवान विष्णु और शिव का वास मानकर विधि-विधान से उसकी पूजा की।
- जब देवी लक्ष्मी आंवले के पेड़ की पूजा कर रही थीं तभी वहां भगवान विष्णु और शिव प्रकट हो गए। देवी लक्ष्मी के मन की बात जानकर दोनों ही देवता बहुत खुश हुए और कहा कि जो व्यक्ति कार्तिक शुक्ल नवमी तिथि पर आंवला वृक्ष की पूजा करेगा, उसके जीवन में कभी दरिद्रता नहीं आएगी और उसे हम दोनों (भगवान शिव और विष्णु) की कृपा प्राप्त होगी।
- इसके बाद देवी लक्ष्मी ने भगवान शिव और विष्णु दोनों के लिए आंवले के पेड़ के नीचे ही भोजन बनाया और उन्हें खिलाया। इसलिए आंवला नवमी पर आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर भोजन करने की परंपरा भी है। आंवला नवमी पर जो ये कथा सुनता है, उसे देवी लक्ष्मी के साथ-साथ भगवान विष्णु और शिवजी की कृपा भी प्राप्त हो जाती है। ऐसा धर्म ग्रंथों में लिखा है।
Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।