Ekadashi 2026 Dates: साल 2026 की सभी 24 एकादशियां, जनिए पूजा विधि और महत्व जानें

Published : Nov 09, 2025, 02:06 PM IST
Ekadashi 2026 dates

सार

Ekadashi 2026: हिंदू धर्म में, एकादशी व्रत भगवान विष्णु को समर्पित एक पवित्र व्रत है। हर महीने दो एकादशी होती हैं- एक शुक्ल पक्ष में और दूसरी कृष्ण पक्ष में। 2026 में कुल 24 एकादशी होंगी, जिनमें से प्रत्येक का विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है।

Ekadashi 2026 Dates: हिंदू धर्म में, एकादशी व्रत भगवान विष्णु को समर्पित एक पवित्र व्रत है। हर महीने दो एकादशी होती हैं, एक शुक्ल पक्ष में और दूसरी कृष्ण पक्ष में। 2026 में कुल 24 एकादशी होंगी, जिनमें से प्रत्येक का विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। प्रत्येक माह के शुक्ल और कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी तिथियां धार्मिक दृष्टि से पवित्र मानी जाती हैं। ऐसा माना जाता है कि एकादशी व्रत करने से व्यक्ति के सभी पाप धुल जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। 2026 में कुल 24 एकादशी तिथियां होंगी, जिनमें से प्रत्येक का अपना महत्व और व्रत विधि है। भक्त इन दिनों भगवान विष्णु की विशेष पूजा करते हैं और आध्यात्मिक शुद्धि और शुभ फल प्राप्त करने के लिए व्रत रखते हैं।

  • 14 जनवरी (बुधवार) - षटतिला एकादशी
  • 29 जनवरी (गुरुवार) - जया/भामी एकादशी
  • 13 फरवरी (शुक्रवार)- विजया एकादशी
  • 27 फरवरी (शुक्रवार)- फरवरी आमलकी एकादशी
  • 15 मार्च (रविवार)- मार्च पापमोचनी एकादशी
  • 28 मार्च (शनिवार)- मार्च शुक्ल एकादशी
  • 26 अप्रैल (रविवार)- अप्रैल वरूथिनी एकादशी
  • 27 मई (मंगलवार)- मई अपरा एकादशी
  • 10 जून (बुधवार)- जून निर्जला एकादशी
  • 24 जुलाई (शुक्रवार)- जुलाई कामिका एकादशी
  • 23 अगस्त (रविवार)- अगस्त अजा एकादशी
  • 21 सितम्बर (सोमवार)- सितम्बर इंदिरा एकादशी
  • 21 अक्टूबर (बुधवार)- रमा एकादशी
  • 4 नवंबर (शुक्रवार)- नवंबर उत्पन्ना एकादशी
  • 20 नवंबर (शुक्रवार)- नवंबर पापांकुशा एकादशी
  • 19 दिसंबर (शनिवार)- दिसंबर मोक्षदा एकादशी
  • 30 दिसंबर (बुधवार)- दिसंबर पौष पुत्रदा एकादशी

एकादशी पूजा का महत्व

हिंदू धर्म में एकादशी व्रत को अत्यंत पवित्र और फलदायी माना जाता है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है, जिन्हें जगत का पालनहार माना जाता है। मान्यता है कि जो लोग श्रद्धा और विश्वास के साथ एकादशी व्रत का पालन करते हैं, उन्हें जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में कहा गया है कि एकादशी व्रत करने से तन और मन दोनों की शुद्धि होती है। यह व्रत न केवल धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि वैज्ञानिक रूप से भी लाभकारी है, क्योंकि व्रत करने से शरीर से विषैले तत्व बाहर निकलते हैं और मानसिक एकाग्रता बढ़ती है। एकादशी के दिन विष्णु सहस्रनाम का पाठ, भगवान विष्णु की कथाएँ और गीता का पाठ विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन किए गए दान, पूजा और भक्ति का फल कई गुना बढ़ जाता है।

ये भी पढ़ें- Kaal Bhairav Jayanti 2025: कालभैरव जयंती पर कैसे करें पूजा? जानें मंत्र, मुहूर्त सहित पूरी डिटेल

एकादशी पूजा विधि

  • प्रातः स्नान करें, स्वच्छ वस्त्र पहनें और भगवान विष्णु के समक्ष व्रत का संकल्प लें।
  • एकादशी के दिन अन्न, चावल या दाल का त्याग करें; केवल फलाहार करें।
  • स्वच्छ आसन पर भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र स्थापित करें और दीपक जलाएं।
  • चंदन, पुष्प, तुलसी के पत्ते, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें।
  • "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का जाप करें और एकादशी व्रत कथा सुनें या पढ़ें।
  • पूरे दिन भगवान का स्मरण करें, क्रोध और असत्य से दूर रहें।
  • अगले दिन स्नान के बाद भगवान विष्णु को भोग लगाकर और दान देकर व्रत खोलें।

ये भी पढ़ें- नंदी के कान में अपनी मनोकामना बोलने से क्या सच में होती है पूरी, जानें क्या है मान्यता

Disclaimer: इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

PREV
Read more Articles on

Recommended Stories

Annapurna Jayanti Vrat Katha: क्यों महादेव ने देवी अन्नपूर्णा से मांगी भिक्षा? पढ़ें रोचक कथा
Margashirsha Purnima 2025: साल का आखिरी पूर्णिमा कल, चुपके से कर लें 9 उपाय लेकिन न करें ये गलती