Hanuman Bhajan Lyrics Hindi: बजंरगबली के ये भजन कर देंगे झूमने पर मजबूर, हनुमान जयंती पर एक बार जरूर सुनें

Hanuman Jayanti 2024: इस बार 23 अप्रैल, मंगलवार को हनुमान जयंती का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन हनुमानजी की विशेष पूजा करने का विधान है। हनुमान भक्त इस दिन उनके भजनों की धुन पर थिरकते नजर आते हैं।

 

Manish Meharele | Published : Apr 22, 2024 3:58 AM IST / Updated: Apr 23 2024, 07:15 AM IST

Hanuman Jayanti Bhajan Lyrics: धर्म ग्रंथों के अनुसार, चैत्र पूर्णिमा पर हनुमानजी का जन्म हुआ था। इस बार ये तिथि 23 अप्रैल, मंगलवार को है। इस दिन हर कोई हनुमानजी की भक्ति में लीन रहता है। कोई हनुमानजी की पूजा करता है तो कोई भजन सुनता है। हनुमान जयंती पर दिन की शुरूआत यदि हनुमानजी के सुधमुर भजनों से हो तो पूरे दिन अच्छा गुजरता है। आगे जानिए ऑल टाइम फेवरेट हनुमान भजनों के लिरिक्स…

हनुमान तुम्हारा क्या कहना भजन लिरिक्स
कलयुग मे सिद्ध हो देव तुम्ही, हनुमान तुम्हारा क्या कहना
कलयुग मे सिद्ध हो देव तुम्ही, हनुमान तुम्हारा क्या कहना ।
तेरी शक्ति का क्या कहना, तेरी भक्ति का क्या कहन..
सीता की खोज करी तुमने, तुम सात समुन्दर पार गये।
लंका को किया श्मशान प्रभु, बलवान तुम्हारा क्या कहना।
तेरी शक्ति का क्या कहना, तेरी भक्ति का क्या कहना..
जब लखनलाल को शक्ति लगी तुम घोलगिर पर्वत लाये,
लक्ष्मण के बचाये आ कर के तब प्राण तुम्हारा क्या कहना।
तेरी शक्ति का क्या कहना, तेरी भक्ति का क्या कहना..
तुम भक्त शिरोमणि हो जग मे तुम वीर शिरोमणि हो जग मे,
तेरे रोम रोम मे बसते हैं सियाराम तुम्हारा क्या कहना..

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मंगल मूर्ति राम दुलारे भजन लिरिक्स
मंगल मूर्ति राम दुलारे,
आन पड़ा अब तेरे द्वारे,
हे बजरंगबली हनुमान,
हे महावीर करो कल्याण,
हे महावीर करो कल्याण ।
तीनो लोक तेरा उजियारा,
दुखियों का तूने काज संवारा,
तीनो लोक तेरा उजियारा,
दुखियों का तूने काज संवारा,
हे जगवंदन केसरी नंदन,
हे जगवंदन केसरी नंदन,
कष्ट हरो हे कृपा निधान,
कष्ट हरो हे कृपा निधान ।
मंगल मूर्ति राम दुलारे,
आन पड़ा अब तेरे द्वारे,
हे बजरंगबली हनुमान,
हे महावीर करो कल्याण,
हे महावीर करो कल्याण ।
तेरे द्वारे जो भी आया,
खाली नहीं कोई लौटाया,
तेरे द्वारे जो भी आया,
खाली नहीं कोई लौटाया,
दुर्गम काज बनावन हारे,
मंगलमय दीजो वरदान,
मंगल मूर्ति राम दुलारे,
हे बजरंगबली हनुमान,
हे महावीर करो कल्याण,
तेरा सुमिरन हनुमत वीरा,
नासे रोग हरे सब पीरा,
तेरा सुमिरन हनुमत वीरा,
नासे रोग हरे सब पीरा,
राम लखन सीता मन बसिया,
शरण पड़े का कीजै ध्यान,
शरण पड़े का कीजै ध्यान ।
मंगल मूर्ति राम दुलारे,
आन पड़ा अब तेरे द्वारे,
हे बजरंगबली हनुमान,
हे महावीर करो कल्याण,
करो कल्याण, करो कल्याण..

माँ अंजनी के लाल भजन लिरिक्स
माँ अंजनी के लाल,
कलयुग कर दियो निहाल,
ओ पवन पुत्र हनुमान,
तुम श्री राम के सेवक हो।
शिव शंकर के अवतार
मेरे बालाजी सरकार
ओ पवन पुत्र हनुमान
तुम श्री राम के सेवक हो।
तू माँ अंजनी का जाया
शिव अवतारी कहलाया
पाकर के अद्भुत शक्ति
संसार में मान बढाया
तुम श्री राम के सेवक हो।
तेरी सूरत कुछ कपी सी
कुछ मानव सी सुहाय
मन में राम समाए
और तन सिंदूर रमाये
तेरी छाती बज्र समाये
तुम श्री राम के सेवक हो।
जब हरण हुआ सीता का
कुछ पता नही लग पाया
तूने जा के लंका नगरी
माँ सीता का पता लगाया
तूने राक्षस सब पछाड़े
पहले गरजे फिर दहाड़े
सबको मिलकर दिए पछाड़
तुम श्री राम के सेवक हो।
माँ अंजनी के लाल,
कलयुग कर दियो निहाल,
ओ पवन पुत्र हनुमान,
तुम श्री राम के सेवक हो।

कलयुग में सिद्ध हो देव तुम्हीं भजन लिरिक्स
कलयुग में सिद्ध हो देव तुम्ही,
हनुमान तुम्हारा क्या कहना,
कलयुग में सिद्ध हो देव तुम्ही,
हनुमान तुम्हारा क्या कहना,
तेरी शक्ति का क्या कहना,
तेरी भक्ति का क्या कहना॥
सीता की खोज करी तुमने,
तुम सात समुन्दर पार गये,
लंका को किया शमशान प्रभु,
बलवान तुम्हारा क्या कहना,
तेरी शक्ति का क्या कहना,
तेरी भक्ति का क्या कहना॥
कलयुग में सिद्ध हो देव तुम्ही,
हनुमान तुम्हारा क्या कहना,
कलयुग में सिद्ध हो देव तुम्ही,
हनुमान तुम्हारा क्या कहना,
तेरी शक्ति का क्या कहना,
तेरी भक्ति का क्या कहना॥
जब लखन लाल को शक्ति लगी,
तुम धोलागिरी पर्वत लाये,
लक्ष्मण के बचाये आ कर के,
तब प्राण तुम्हारा क्या कहना,
तेरी शक्ति का क्या कहना,
तेरी भक्ति का क्या कहना॥
कलयुग में सिद्ध हो देव तुम्ही,
हनुमान तुम्हारा क्या कहना,
कलयुग में सिद्ध हो देव तुम्ही,
हनुमान तुम्हारा क्या कहना,
तेरी शक्ति का क्या कहना,
तेरी भक्ति का क्या कहना॥
तुम भक्त शिरोमनी हो जग में,
तुम वीर शिरोमनी हो जग में,
तेरे रोम रोम में,
तेरे रोम रोम में बसते हैं,
सिया राम तुम्हारा क्या कहना,
तेरी शक्ति का क्या कहना,
तेरी भक्ति का क्या कहना॥
कलयुग में सिद्ध हो देव तुम्ही,
हनुमान तुम्हारा क्या कहना,
कलयुग में सिद्ध हो देव तुम्ही,
हनुमान तुम्हारा क्या कहना,
तेरी शक्ति का क्या कहना,
तेरी भक्ति का क्या कहना॥

श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में भजन लिरिक्स
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में,
देख लो मेरे दिल के नगीने में ॥
मुझको कीर्ति ना वैभव ना यश चाहिए,
राम के नाम का मुझ को रस चाहिए,
सुख मिले ऐसे अमृत को पीने में,
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में ॥
अनमोल कोई भी चीज,
मेरे काम की नहीं,
दिखती अगर उसमे छवि,
सिया राम की नहीं ॥
राम रसिया हूँ मैं, राम सुमिरण करूँ,
सिया राम का सदा ही मै चिंतन करूँ,
सच्चा आनंद है ऐसे जीने में,
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में ॥
फाड़ सीना हैं, सब को ये दिखला दिया,
भक्ति में मस्ती है, सबको बतला दिया,
कोई मस्ती ना, सागर को मीने में,
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में ॥
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने मे,
देख लो मेरे दिल के नगीने में ॥

जय हो जय हो तुम्हारी बजरंग बली भजन लिरिक्स
जय हो जय हो तुम्हारी जी बजरंग बली,
लेके शिव रूप आना गजब हो गया,
त्रेतायुग में थे तुम आये द्वापर में भी,
तेरा कलयुग में आना गजब गो गया ॥
बचपन की कहानी निराली बड़ी,
जब लगी भूख हनुमत मचलने लगे,
फल समझ कर उड़े आप आकाश में,
तेरा सूरज को खाना गजब हो गया ॥
कूदे लंका में जब मच गयी खलबली,
मारे चुनचुन कर असुरो को बजरंगबली,
मार डाले अच्छो को पटककर वही,
तेरा लंका जलाना गजब हो गया ॥
आके शक्ति लगी जो लखनलाल को,
राम जी देख रोये लखनलाल को,
लेके संजीवन बूटी पवन वेग से,
पूरा पर्वत उठाना गजब हो गया ॥
जब विभीषण संग बैठे थे श्री राम जी,
और चरनो में हाजिर थे हनुमान जी,
सुन के ताना विभीषण का अंजनी के लाल,
फाड़ सीना दिखाना गजब हो गया ॥
जय हो जय हो तुम्हारी जी बजरंग बली,
लेके शिव रूप आना गजब हो गया,
त्रेतायुग में थे तुम आये द्वापर में भी,
तेरा कलयुग में आना गजब गो गया ॥

खुश होंगे हनुमान भजन लिरिक्स
सुबह शाम आठो याम, यहीं नाम लिए जा,
खुश होंगे हनुमान, राम राम किए जा ॥
लिखा था राम नाम वो, पत्थर भी तर गए
किए राम से जो बैर, जीते जी वो मर गए
बस नाम का रसपान, ए इंसान किए जा
खुश होगे हनुमान, राम राम किए जा ॥
राम नाम की धुन पे नाचे, हो कर के मतवाला
बजरंगी सा इस दुनिया में, कोई ना देखा भाला,
जो भी हनुमत के दर पे आता, उसका संकट टाला,
मुख में राम, तन में राम, जपे राम राम की माला ॥
जहाँ राम का कीर्तन, वही हनुमान जति हो,
गोदी मे गणपति को लें, शिव पार्वती हो,
सियाराम की कृपा से, सौ साल जिए जा,
खुश होगे हनुमान, राम राम किए जा ॥
जिसपे दया श्री राम की, बांका ना बाल हो,
उसका सहाई ‘लक्खा’, अंजनी का लाल हो
‘राजपाल’ तू हर हाल में, जयकार किए जा,
खुश होगे हनुमान, राम राम किए जा ॥
सुबह शाम आठो याम, यहीं नाम लिए जा,
खुश होंगे हनुमान, राम राम किए जा ॥


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