क्या सतयुग के राजा ‘सत्यव्रत’ और ईसाई-मुस्लिम-यहूदियों के पैगंबर ‘नूह’ एक ही हैं, इन दोनों में क्या समानता है?

Israel Palestine War: इजराइल और फिलिस्तीन में एक बार फिर जंग छिड़ चुकी है। इस युद्ध में कईं मुस्लिम देश इजराइल के खिलाफ खड़े हो चुके हैं, जबकि अमेरिका और बिट्रेन जैसी महाशक्ति इजराइल के साथ है।

 

Manish Meharele | Published : Oct 12, 2023 11:46 AM IST / Updated: Oct 13 2023, 10:45 AM IST

Israel Palestine War:  इजराइल और फिलिस्तीन में जंग शुरू हुए 6 दिन हो चुके हैं। इस युद्ध में अब तक कई हजार लोगों की मौत हो चुकी है। फिलिस्तीन एक मुस्लिम देश है और इजराइल का राजधर्म यहूदी। दोनों ही धर्मों के लोग एक-दूसरे को अपना कट्टर दुश्मन मानते हैं। खास बात ये है कि यहूदी-मुस्लिमों और ईसाई धर्म के लोग हजरत अब्राहम को अपना पैगंबर यानी प्रथम पुरुष मानते हैं। इनके अलावा ‘नूह’ को भी ये तीनों अपना पैगंबर मानते हैं। पैगंबर नूह और हिंदू धर्म ग्रंथों में बताए गए राजा सत्यव्रत में कईं समानताएं हैं।

कौन थे हिंदुओं के पूर्वज राजा सत्यव्रत? (Who was King Satyavrat, the ancestor of Hindus?)
धर्म ग्रंथों के अनुसार, सतयुग में एक बहुत ही धर्मालु राजा हुए, जिनका नाम राजा सत्यव्रत था। एक बार जब वे नदी में स्नान कर रहे थे तो उनके हाथों में एक छोटी से मछली आ गई। मछली ने उनसे मदद मांगी तो वे उसे लेकर अपने राजमहल ले गए। कुछ ही दिनों में उस छोटी मछली ने विशाल रूप धारण कर दिया। राजा सत्यव्रत समझ गए कि ये कोई साधारण मछली नहीं है। जब उन्होंने मछली से उसका वास्तविक परिचय पूछा तो स्वयं भगवान विष्णु प्रकट हुए और उन्होंने कहा कि ‘आज से 7 दिन बाद भयंकर जलप्रलय होगी, जिसमें पूरी पृथ्वी डूब जाएगी। उस समय तुम एक विशाल जहाज पर अपने परिवार सहित, सप्त ऋषियों, पशु-पक्षियों और पौधों को लेकर सुरक्षित स्थान पर ले जाना। उस समय मैं मछली के रूप में तुम्हारी सहायता और रक्षा करूंगा।’ जैसा भगवान विष्णु ने कहा था ठीक वैसा हुई और इस तरह राजा सत्यव्रत ने मानव प्रजाति की रक्षा की।

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यहूदी, मुस्लिम और ईसाई में भी प्रचलित है ये कथा (Who is Noah among Jews, Muslims and Christians?)
ईसाई, मुस्लिम और यहूदी जिस अब्राह्म को अपना पहला पैगंबर मानते हैं। उनकी के वंश में आगे जाकर पैगंबर नूह की उत्पत्ति हुई है। इसलिए इन तीनों ही धर्म के लोग नूह को अपना पैगंबर मानते हैं। बाइबिल और कुरान में भी नूह का वर्णन मिलता है। यहूदी धर्म में, नूह के सात कानून आज भी प्रचलित हैं। बाइबिल और कुरान में भी पैगंबर नूह से जुड़ी एक कथा है जो हिंदुओं के राजा सत्यव्रत से मिलती है। नूह ने भी जलप्रलय के समय मानव समाज, पशु-पक्षियों और पेड़-पौधों की रक्षा की थी।

मुस्लिमों के पहले पैगंबर
इस्लाम को मानने वाले नूह को अपना पैगंबर मानते हैं। क़ुरआन के अनुसार, हज़रत आदम के बाद यह पहले नबी हैं जिनको पैग़म्बर बनाया गया। इनके नाम पर नूह (सूरा) कुरआन का 71 वां सूरा (अध्याय) है। इस्लाम की पुस्तक क़िसासुल अंबिया में भी जल प्रलय का वर्णन आता है। कुरआन के अनुसार जब जल प्रलय हुई तो हज़रत नूह अलैहि सलाम की उम्र 950 वर्ष थी।


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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

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