
Jagannath Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi: उड़ीसा के पुरी में स्थित भगवान जगन्नाथ का मंदिर हिंदुओं के पवित्र 4 धामों में से एक है। हर साल यहां आषाढ़ मास में प्रसिद्ध रथयात्रा निकाली जाती है। इस रथयात्रा को देखने के लिए लाखों लोग यहां आते हैं। मान्यता है कि इस रथयात्रा के दर्शन करने से जन्म-मरण का बंधन खत्म हो जाता है और आत्मा को मोक्ष मिलता है। इस बार जगन्नाथ रथयात्रा 27 जून, शुक्रवार को निकाली जा रही है। अगर आप किसी वजह से पुरी में रथयात्रा के दर्शन को नहीं जा पा रहे तो घर पर ही भगवान जगन्नाथ की आरती कर पुण्य फल प्राप्त कर सकते हैं। सच्चे मन से यदि कोई भक्त भगवान जगन्नाथ की आरती करे तो उसके सभी दुख-दर्द दूर हो सकते हैं और उसकी हर मनोकामना भी पूरी हो सकती है। ये है भगवान जगन्नाथ जी की आरती…
आरती श्री जगन्नाथ,
आरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी,
आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी,
मंगलकारी नाथ आपादा हरि,
कंचन को धुप दीप ज्योत जगमगी,
अगर कपूर बाटी भव से धारी,
आरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी,
आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी,
घर घरन बजता बाजे बंसुरी,
घर घरन बजता बाजे बंसुरी,
झांझ या मृदंग बाजे,ताल खनजरी,
आरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी,
आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी,
निरखत मुखारविंद परसोत चरनारविन्द आपादा हरि,
जगन्नाथ स्वामी के अताको चढे वेद की धुवानी,
जगन्नाथ स्वामी के भोग लागो बैकुंठपुरी,
आरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी,
आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी,
इंद्र दमन सिंह गजे रोहिणी खड़ी,
इंद्र दमन सिंह गजे रोहिणी खड़ी,
मार्कंडेय स्व गंगा आनंद भरि,
आरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी,
आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी,
सरनार मुनि द्वारे तदे ब्रह्म वेद भानी,
सरनार मुनि द्वारे तदे ब्रह्म वेद भानी,
धन धन ओह सुर स्वामी आनंद गढ़ी,
आरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी,
आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी,
आरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी,
आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी,
मंगलकारी नाथ आपादा हरि,
कंचन को धुप दीप ज्योत जगमगी,
अगर कपूर बाटी भव से धारी,
आरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी,
आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी