
Last Bada Mangal Upay: ज्येष्ठ मास के प्रत्येक मंगलवार को बड़ा और बुढवा मंगल कहा जाता है। इन मंगलवार को यदि हनुमानजी के खास उपाय और पूजा आदि की जाए तो बड़े से बड़ा संकट भी दूर हो सकता है और हनुमाजी की कृपा भी पाई जा सकती है। इस बार साल 2025 का अंतिम बड़ा मंगल 10 जून को है। इस दिन कईं शुभ योग भी बन रहे हैं, जिसके चलते इसका महत्व और भी बढ़ गया है। इस दिन हनुमानजी की आरती खास विधि से करना चाहिए। आगे जानिए हनुमानजी की आरती की विधि…
- 10 जून यानी अंतिम बड़े मंगल की शाम को स्नान आदि करने के बाद हनुमानजी की प्रतिमा या चित्र एक साफ स्थान पर स्थापित करें।
- हनुमानजी को कुमकुम से तिलक लगाएं। गुलाब के फूलों का हार पहनाएं और शुद्ध घी का दीपक जलाएं। केवड़े का इत्र भी लगाएं।
- इसके बाद जनेऊ, फल, पान आदि चीजें चढ़ाएं। शुद्ध घी से बने चूरमे का भोग लगाएं। इसके बाद 11 दीपकों को थाली में रखकर आरती करें।
- सबसे पहले हनुमानजी की मूर्ति या चित्र के चरणों में चार बार आरती घुमाएं, दो बार नाभि से, एक बार चेहरे से और सात बार पूरी मूर्ति पर घुमाएं।
- इस तरह चौदह बार हनुमानजी के चित्र या प्रतिमा के सामने आरती घुमानी चाहिए। साथ ही घंटी और ताली सुमधुर धुन में बजाएं।
- दीपक से आरती करने के बाद हनुमानजी की कर्पूर आरती भी जरूर करें। आरती पूरी होने पर इस बार थोड़ा सा जल छिड़कें।
- इस तरह आरती पूरी होने के बाद अन्य लोगों को आरती दें और स्वयं भी आरती लें। इससे आपकी हर परेशानी दूर हो सकती है।
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥
जाके बल से गिरवर काँपे। रोग-दोष जाके निकट न झाँके ॥
अंजनि पुत्र महा बलदाई। संतन के प्रभु सदा सहाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
दे वीरा रघुनाथ पठाए। लंका जारि सिया सुधि लाये ॥
लंका सो कोट समुद्र सी खाई। जात पवनसुत बार न लाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की॥
लंका जारि असुर संहारे। सियाराम जी के काज सँवारे ॥
लक्ष्मण मुर्छित पड़े सकारे। लाये संजिवन प्राण उबारे ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
पैठि पताल तोरि जमकारे। अहिरावण की भुजा उखारे ॥
बाईं भुजा असुर दल मारे। दाहिने भुजा संतजन तारे ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
सुर-नर-मुनि जन आरती उतरें। जय जय जय हनुमान उचारें ॥
कंचन थार कपूर लौ छाई। आरती करत अंजना माई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
जो हनुमानजी की आरती गावे। बसहिं बैकुंठ परम पद पावे ॥
लंक विध्वंस किये रघुराई। तुलसीदास स्वामी कीर्ति गाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥
Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।