
Kajari Teej Vrat Date: हिंदू धर्म में कई सारे ऐसे व्रत आते हैं, जोकि पति की लंबी आयु और खुशहाल शादीशुदा जीवन को पाने से जुड़े होते हैं। ऐसे ही 12 अगस्त के दिन कजरी तीज का व्रत पड़ रहा है। इस दिन सिर्फ शादीशुदा महिलाएं ही नहीं बल्कि कुंवारी कन्याएं भी ये व्रत रखती हैं। कजरी तीज का व्रत माता पार्वती का भगवान शिव के प्रति प्रेम और तप का एक शानदार प्रतीक है। आइए जानते हैं कजरी तीज का महत्व, पूजा विधि और सामग्री।
भाद्रपद की तीसरी तिथि पर ही हमेशा कजरी तीज का व्रत रखा जाता है। इस बार कृष्ण पक्ष की तीसरी तिथि की शुरुआत 11 अगस्त की सुबह से होने वाली है, जोकि 12 अगस्त की सुबह 8:40 मिनट तक रहेगी। इस संदर्भ में कजरी तीज का व्रत 12 अगस्त के दिन पड़ने वाला है।
कजरी तीज के मौके पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। इस दिन शादीशुदा महिलाएं अखंड सौभाग्यवती और पति की लंबी उम्र के लिए ये व्रत रखती हैं। खुद माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए ये व्रत रखा था।
कजरी तीज वाले दिन महिलाओं को सुबह जल्दी स्नान करके माता पार्वती और भगवान शिव का ध्यान करना होता है। सुबह के वक्त भगवान शिव को जल अर्पित करें। मंदिर की साफ-सफाई करने के बाद उसमें चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और माता पार्वती-भगवान शिव की मूर्ति स्थापित करें। महादेव का अभिषेक करें और माता पार्वती को 16 श्रृंगार अर्पित करें। बाद में घी का दीपक जलाए और कजरी तीज व्रत की कथा सुनें। रात के वक्त चंद्रमा की पूजा करें औऱ उन्हें अर्घ्य जरूर दें।
वहीं, कजरी तीज के व्रत में आपको कुछ जरूरी सामग्रियों की जरूरत होती है, जैसे कि कच्चा सूत, नए वस्त्र, नारियल, सुपारी, कलश घी, कपूर, नए कपड़े, बेलपत्र, मिश्री, शमी के पत्ते, दुर्वा, अक्षत, दही, शहद, पीले कपड़े, सुहाग का सामान और दूध।