
Karwa Chauth 2025 Date: करवा चौथ का व्रत अखंड सौभाग्य और पति की दीर्घायु की कामना के लिए रखा जाता है। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को विवाहित महिलाएं करवा चौथ का व्रत रखती हैं। इस व्रत में अन्न और जल का त्याग किया जाता है, इसलिए वे पूरे दिन निर्जला उपवास रखती हैं। यह व्रत चतुर्थी तिथि को सूर्योदय से शुरू होता है और चंद्रोदय पर चंद्रमा को अर्घ्य देने के साथ समाप्त होता है। चंद्रमा को अर्घ्य दिए बिना पूजा अधूरी रहती है और उसके बाद ही व्रत तोड़ा जाता है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी जी करवा चौथ की तिथि के बारे में बता रहे हैं। करवा चौथ का शुभ मुहूर्त और चंद्रोदय का समय क्या है?
पंचांग के अनुसार, करवा चौथ के लिए आवश्यक कार्तिक कृष्ण चतुर्थी तिथि, गुरुवार, 9 अक्टूबर को रात्रि 10:54 बजे से प्रारंभ हो रही है। यह तिथि शुक्रवार, 10 अक्टूबर को शाम 7:38 बजे तक मान्य रहेगी। इसलिए करवा चौथ का व्रत शुक्रवार, 10 अक्टूबर को रखा जाएगा।
करवा चौथ की पूजा शाम के समय की जाती है। इस बार व्रती महिलाओं के पास करवा चौथ पूजा के लिए 1 घंटा 14 मिनट का शुभ मुहूर्त होगा। करवा चौथ पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5:57 बजे से शाम 7:11 बजे तक है।
इस वर्ष करवा चौथ का व्रत सिद्धि योग और कृतिका नक्षत्र में है। करवा चौथ पर सिद्धि योग सुबह से शाम 5:41 बजे तक है। उसके बाद व्यतिपात योग लगेगा। उस दिन कृतिका नक्षत्र सुबह से शाम 5:31 बजे तक रहेगा, उसके बाद रोहिणी नक्षत्र होगा।
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इस वर्ष करवा चौथ का निर्जला व्रत लगभग 14 घंटे का होगा। इस दौरान व्रती महिलाएं अन्न-जल का त्याग करेंगी। महिलाएं अपना करवा चौथ व्रत सुबह 6:19 बजे शुरू करेंगी और रात 8:13 बजे पारण करके इसे समाप्त करेंगी। व्रत की कुल अवधि 13 घंटे 54 मिनट है।
करवा चौथ की रात को सभी लोग बेसब्री से चांद का इंतज़ार करते हैं। रात 8:13 बजे चांद उदय होगा। उस समय चांद को अर्घ्य दिया जाएगा और उसके बाद पारण किया जाएगा।
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करवा चौथ का व्रत पति की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए रखा जाता है। जिन युवतियों का विवाह तय हो चुका है, वे भी इस दिन व्रत रख सकती हैं।