Mahashtami 2025: महाअष्टमी को कब होती है संधि पूजा, जानिए इसका महत्व-कथा और शुभ समय

Published : Sep 30, 2025, 02:46 PM IST
Sandhi Puja Muhurat 2025

सार

महाअष्टमी 2025 पर संधि पूजा का शुभ मुहूर्त जानना हर भक्त के लिए ज़रूरी है। क्या आप जानते हैं कि इस संयोग में पूजा करने से देवी दुर्गा सभी बुरी शक्तियों का नाश करती हैं और आपके जीवन में सुख-शांति लाती हैं? पूरी विधि और शुभ मुहूर्त यहां जानें।

Shardiya Navratri 2025: उत्तर भारत में शारदीय नवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है, वहीं बंगाल में भी इस दौरान दुर्गा पूजा बड़े उत्साह के साथ मनाई जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, दुर्गा पूजा आश्विन मास की षष्ठी तिथि से शुरू होती है। महाषष्ठी, महासप्तमी, महाअष्टमी, महानवमी और विजयादशमी दुर्गा पूजा के सबसे खास दिन हैं।

दुर्गा पूजा के दौरान महाअष्टमी पर संधि पूजा को भी बहुत खास माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, देवी दुर्गा ने महाअष्टमी या दुर्गाष्टमी के दिन राक्षस महिषासुर का वध किया था। इसलिए, इस दिन भक्त देवी दुर्गा को पुष्पांजलि अर्पित करते हैं और उनकी पूजा करते हैं। इस वर्ष महाअष्टमी की संधि पूजा आज, 30 सितंबर को होगी। तो आइए अब जानते हैं कि दुर्गा अष्टमी पर संधि पूजा क्यों की जाती है और इसका शुभ मुहूर्त क्या होगा।

संधि पूजा मुहूर्त 

महाअष्टमी तिथि 29 सितंबर को शाम 4:31 बजे शुरू हो चुकी है और आज, 30 सितंबर को शाम 6:06 बजे समाप्त होगी।

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संधि पूजा की कथा और शुभ समय

संधि पूजा अष्टमी तिथि के अंत और नवमी तिथि के प्रारंभ के बीच होती है। मान्यताओं के अनुसार, इसी शुभ मुहूर्त में देवी मां ने चंड और मुंड नामक राक्षसों का वध करने के लिए चामुंडा का रूप धारण किया था। हालांकि संधि पूजा का शुभ मुहूर्त दिन में किसी भी समय पड़ सकता है, लेकिन यह उसी समय की जाती है। आज, 30 सितंबर को संधि पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5:42 बजे शुरू होगा और शाम 6:30 बजे तक रहेगा। पुराणों के अनुसार, संधि पूजा अष्टमी तिथि के अंतिम 24 मिनट और नवमी तिथि के शुरुआती 24 मिनट के दौरान करना सबसे शुभ होता है। ऐसा माना जाता है कि इस दौरान देवी दुर्गा सभी बुरी शक्तियों का दमन करती हैं।

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महाअष्टमी पर संधि पूजा का क्या महत्व है?

पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को देवी दुर्गा के लिए संधि पूजा की जाती है। दरअसल, संधि पूजा अष्टमी और नवमी तिथि का शुभ संयोग मानी जाती है और यह तिथि अत्यंत शुभ मानी जाती है। संधि पूजा के दौरान देवी दुर्गा के चरणों में 108 लाल कमल अर्पित किए जाते हैं और 108 दीपक भी जलाए जाते हैं।

Disclaimer: इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

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