Navratri 2023 Start Date: कब से शुरू होगी शारदीय नवरात्रि, क्या रहेगा देवी का वाहन, कब है महाष्टमी और महा नवमी?

Kab Se Shuru Hogi Navratri: आश्विन मास में शारदीय नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस उत्सव के दौरान 9 दिनों तक रोज देवी के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। ये हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस बार ये पर्व अक्टूबर 2023 में मनाया जाएगा।

 

Manish Meharele | Published : Sep 23, 2023 5:35 AM IST / Updated: Oct 05 2023, 01:46 PM IST

उज्जैन. धर्म ग्रंथों के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तिथि तक शारदीय नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। (Navratri 2023 Start Date) इन 9 दिनों में रोज देवी के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है और नाच-गाकर देवी को प्रसन्न किया जाता है। हर कोई इन 9 दिनों में देवी की कृपा पाने के लिए अलग-अलग उपाय करता है। (Kab Se Shuru Hogi Navratri) पूरे देश में इन 9 दिनों में देवी मंदिरों की रौनक देखते ही बनती है। आगे जानिए इस बार देवी आराधना का ये पर्व कब से शुरू होगा व अन्य खास बातें…

कब से शुरू होगी शारदीय नवरात्रि? (Shardiya Navratri 2023 Start Date)
पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 14 अक्टूबर, शनिवार की रात 11:25 से 15 अक्टूबर, रविवार की रात 12:32 तक रहेगी। चूंकि प्रतिपदा का सूर्योदय 15 अक्टूबर को होगा, इसलिए इसी दिन से शारदीय नवरात्रि का आरंभ माना जाएगा। इस बार ये उत्सव पूरे 9 दिनों तक यानी 23 अक्टूबर तक मनाया जाएगा।

कब है महा अष्टमी और महा नवमी?
पंचांग के अनुसार, शारदीय नवरात्रि की महाष्टमी तिथि 22 अक्टूबर, रविवार और महा नवमी तिथि 23 अक्टूबर, सोमवार को रहेगी। महा अष्टमी पर देवी के महागौरी स्वरूप और महा नवमी पर देवी के सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा की जाएगी।

ये रहेगा देवी का वाहन
धर्म ग्रंथों के अनुसार, नवरात्रि में देवी स्वर्ग से उतरकर पृथ्वी पर आती है। जिस दिन से नवरात्रि की शुरूआत होती है, उसी के अनुसार, देवी का वाहन होता है। देवी भागवत में देवी के अनुसार-

शशिसूर्ये गजारूढ़ा शनिभौमे तुरंगमे।
गुरौ शुक्रे चदोलायां बुधे नौका प्रकीर्त्तिता

अर्थ: सोमवार व रविवार को प्रथम पूजा यानी कलश स्थापना होने पर मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं। शनिवार और मंगलवार को नवरात्रि शुरू होने पर माता का वाहन घोड़ा होता है। गुरुवार या शुक्रवार को नवरात्रि शुरू होने पर माता डोली में बैठकर आती हैं। बुधवार से नवरात्रि शुरू होने पर माता नाव पर सवार होकर आती हैं।

हाथी रहेगा देवी का वाहन
चूंकि इस बार शारदीय नवरात्रि की शुरूआत 15 अक्टूबर, रविवार से हो रही है, इसलिए देवी का हाथी रहेगा। धर्म ग्रंथों के अनुसार, जिस साल देवी हाथी पर सवार होकर आती है, उस साल बारिश ज्यादा होती है, इससे देश में सुख-समृद्धि बढ़ती है और लोगों में खुशहाली का वातावरण रहता है।

इस शुभ योग में होगी नवरात्रि की शुरूआत
पंचांग के अनुसार, नवरात्रि के पहले दिन यानी 15 अक्टूबर, रविवार को चित्रा नक्षत्र पूरे दिन रहेगा। रविवार को चित्रा नक्षत्र होने से पद्म नाम का शुभ योग बनेगा। पद्म का अर्थ है कमल। ये देवी के आसनों में से एक है। और भी कई शुभ योग इस दिन बनेंगे, जिससे ये दिन और भी खास हो गया है। नवरात्रि के दौरान पूरे समय सूर्य और बुध ग्रह की युति बनी रहेगी, जिससे बुधादित्य नाम का राजयोग बनेगा।


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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

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