Navratri 2025 Kanya Puja: क्यों जरूरी है कन्या पूजन, जानिए किस उम्र की कन्याओं की करें पूजा?

Published : Sep 19, 2025, 10:08 PM IST
Navratri 2025 Kanya Puja

सार

शारदीय नवरात्रि 2025 में कन्या पूजन का विशेष महत्व है। इस वर्ष अष्टमी तिथि 30 सितंबर और नवमी तिथि 1 अक्टूबर को है। शास्त्रों के अनुसार, 2 से 10 वर्ष की आयु की कन्याओं को देवी का स्वरूप मानकर उनकी पूजा की जाती है। 

Navratri 2025 Kanya Pujan Date and Time: हिंदू धर्म में नवरात्रि के पावन पर्व को आस्था, भक्ति और शक्ति की साधना का प्रतीक माना जाता है। देवी दुर्गा की आराधना, जप और तपस्या से जुड़ा नवरात्रि का पर्व सोमवार, 22 सितंबर 2025 से शुरू हो रहा है। इस महापर्व के दौरान, देवी दुर्गा के भक्त नौ दिनों तक देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा और ध्यान करते हैं। नवरात्रि के पावन पर्व पर, कुछ लोग पहले और आखिरी दिन व्रत रखते हैं, जबकि अन्य पूरे नौ दिनों तक व्रत रखते हैं। हालांकि, कन्या पूजन के बिना उनकी पूजा और व्रत अधूरा माना जाता है। आइए विस्तार से जानें कि इस वर्ष देवी का स्वरूप मानी जाने वाली कन्याओं का पूजन कब और कैसे करना उचित रहेगा।

कन्या पूजन कब करें?

नवरात्रि व्रत रखने वाले अपनी आस्था के अनुसार आठवें या नौवें दिन कन्या पूजन करते हैं। पंचांग के अनुसार, इस वर्ष अष्टमी तिथि 30 सितंबर, 2025 और नवमी तिथि 1 अक्टूबर, 2025 को पड़ रही है। आप अपनी श्रद्धा के अनुसार दोनों तिथियों पर कन्या पूजन कर सकते हैं, क्योंकि दोनों तिथियों का महत्व समान है। हालाँकि, अधिकांश लोग अष्टमी तिथि पर कन्या पूजन करते हैं।

नवरात्रि कन्या पूजन के लिए कन्या आयु कितनी होनी चाहिए?

शास्त्रों के अनुसार, नवरात्रि के दौरान दो से दस वर्ष की आयु की कन्याओं का पूजन किया जाता है। हिंदू मान्यता के अनुसार, ये कन्याएं देवी के विभिन्न रूपों का प्रतीक हैं। प्रत्येक आयु की कन्याएं एक विशेष शक्ति का प्रतिनिधित्व करती हैं और उनकी पूजा करने से अलग-अलग पुण्य फल प्राप्त होते हैं।

2 वर्ष (कुमारी): दुःख और दरिद्रता दूर होती है।

3 वर्ष (त्रिमूर्ति): घर में धन का आगमन होता है।

4 वर्ष (कल्याणी): घर में शुभता और समृद्धि बढ़ती है।

5 वर्ष (रोहिणी): रोगों से मुक्ति।

6 वर्ष (कालिका): शिक्षा में सफलता और पद-प्रतिष्ठा की प्राप्ति।

7 वर्ष (चंडिका): धन-संपत्ति में वृद्धि।

8 वर्ष (शाम्भवी): समाज में मान-सम्मान में वृद्धि।

9 वर्ष (दुर्गा): सभी कठिनाइयों और शत्रुओं से सुरक्षा।

10 वर्ष (सुभद्रा): सभी कार्य मनोनुकूल संपन्न होते हैं।

ये भी पढे़ं- Navratri 2025: अष्टमी या नवमी किस दिन करें कन्या पूजन? जानें सही डेट और शुभ मुहूर्त

कन्या पूजन की विधि

  • सबसे पहले 2 से 10 वर्ष की आयु की कन्याओं को अपने घर आमंत्रित करें।
  • उनके पैर धोकर उन्हें स्वच्छ आसन पर बैठाएं।
  • उन्हें देवी का स्वरूप मानकर तिलक लगाएं, पुष्प अर्पित करें और आरती करें।
  • उन्हें हलवा, पूरी और छोले का विशेष भोजन खिलाएं।
  • पूजा के बाद उन्हें उपहार और दक्षिणा दें।
  • किसी छोटे बालक को बटुक भैरव का स्वरूप मानकर उसे भोजन कराना भी शुभ माना जाता है।

कन्या पूजन के लाभ

कन्या पूजन घर में सुख-शांति लाता है, दरिद्रता दूर करता है और धन-धान्य में वृद्धि करता है। ऐसा माना जाता है कि जिन घरों में कन्याओं का सम्मान किया जाता है, वहां देवी लक्ष्मी और दुर्गा का वास होता है। इसके अलावा, यह पूजा परिवार में एकता और प्रेम को बढ़ावा देती है।

ये भी पढ़ें- नवरात्रि में देवी को चढ़ने वाले सोलह श्रृंगार की देखें लिस्ट, जानिए उनका क्या है महत्व

Disclaimer: इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

PREV
Read more Articles on

Recommended Stories

Akhurath Chaturthi 2025: अखुरथ संकष्टी चतुर्थी कब, 7 या 8 दिसंबर? जानें मुहूर्त-मंत्र सहित पूरी विधि
Religious Story: भगवान विष्णु की कितनी पुत्रियां हैं, क्या हैं इनका नाम? जानें रोचक कथा