
Nirjala Ekadashi Parna Date And Shubh Muhurat: इस बार निर्जला एकादशी का व्रत 6 जून, शुक्रवार को किया जाएगा। इस एकादशी का व्रत करने से साल की सभी एकादशी का फल मिल जाता है, ऐसा धर्म ग्रंथों में लिखा है। इस दिन व्रत में पानी पीने की भी मनाही होती है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, कोई भी व्रत तभी पूर्ण होता है, जब तक उसका पारणा न हो। आगे जानिए निर्जला एकादशी व्रत का पारण कब और कैसे करें। साथ ही नोट कीजिए निर्जला एकादशी व्रत के पारणा का शुभ मुहूर्त भी…
धर्म ग्रंथों के अनुसार, किसी भी व्रत का पारणा अगले दिन किया जाता है। चूंकि निर्जला एकादशी का व्रत 6 जून, शुक्रवार को किया जाएगा। इसलिए इसके अगले दिन यानी 7 जून, शनिवार को व्रत का पारणा होगा। पारणा का अर्थ है व्रत का पूर्ण होना। बिना पारणा किए व्रत का संपूर्ण फल नहीं मिलता है, इसलिए व्रत का पारणा करना बहुत जरूरी है।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, 7 जून को दोपहर 01 बजकर 44 मिनिट से शाम 04 बजकर 31 मिनिट तक का समय निर्जला एकादशी व्रत का पारणा करने के लिए श्रेष्ठ है। जब तक पारणा न करें तब तक व्रत के नियमों का पालन करना चाहिए, ऐसा धर्म ग्रंथों में लिखा है।
1. निर्जला एकादशी व्रत का पारणा करने से पहले एक बार फिर से भगवान विष्णु की पूजा करें।
2. पारणा के दौरान पहले ब्राह्मणों को भोजन करवाएं और उन्हें दान-दक्षिणा देकर विदा करें।
3. अगर ब्राह्मण को घर न बुला सकें तो अपनी इच्छा अनुसार भोजन सामग्री जैसे-आटा, दाल, चावल और दान की राशि ब्राह्मण को उसके घर देकर आएं।
4. अगर ये भी करना संभव न हो तो किसी गाय को हरा चारा खिलाने के बाद आप पारणा कर सकते हैं।
5. पारणा करते समय सबसे पहले भगवान का प्रसाद खाएं, इसके बाद ही भोजन करें।
Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो ज्योतिषियों द्वारा बताई गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।