Sawan Vrat: सावन व्रत में कही आप तो नहीं कर रहे ये गलतियां, भगवान शिव का झेलना पड़ सकता है क्रोध

Published : Jul 14, 2025, 11:48 AM ISTUpdated : Jul 15, 2025, 02:02 PM IST
what to serve to Bholenath on Shivratri

सार

Sawan Somwar Vrat: सावन के पवित्र महीने में अगर आप भी भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए व्रत रख रहे हैं तो कुछ चीजों पर देना होगा ध्यान। व्रत के वक्त भूलकर भी न करें ये गलतियां भगवान शिव के क्रोध का करना पड़ सकता है सामना।

नई दिल्ली। भगवान भोलेनाथ के सबसे प्रिय महीने में से एक है सावन का महीना। इस महीने की बात ही अलग है। भगवान शिव की भक्ति में लाखों श्रद्धालु डूबे हुए दिखाई देते हैं। कोई कांवड़ यात्रा लेकर भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने निकल पड़ता है। तो कोई व्रत रखकर माता पार्वती और भगवान शिव का आशीर्वाद लेता है। व्रत करते वक्त लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है, ताकि भगवान शिव के क्रोध का सामना न करना पड़ें। अगर आप भी उन गलतियों को कर रहे हैं तो हो जाइए सावधान। वरना झेलना पड़ सकता है भारी नुकसान। आइए बताते हैं कि कौन-कौन सी है वो गलतियां।

1. सावन के व्रत में भूलकर भी आपको प्याज, लहसुन या फिर मांसाहारी भोजन नहीं खाना चाहिए।

2.भगवान शिव की आराधना के वक्त आप सोमवार के दिन काले रंग के कपड़े नहीं पहने। क्योंकि ये चीज नेगेटिव ऊर्जा को अपनी तरफ आकर्षित करने का काम करती है।

3. भगवान शिव को जब भी जल चढ़ाएं तो उसके लिए तांबे के पात्र का इस्तेमाल करें। स्टील या फिर प्लास्टिक की चीज का भूलकर भी उपयोग न करें।

4. सावन के महीने में नारियल के पानी से भगवान शिव का अभिषेक न करें। क्योंकि नारियल मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है जोकि भगवान विष्णु की पत्नी हैं।

5. भगवान शिव की पूजा में सिंदूर या फिर कुमकुम का प्रयोग न करें। साथ ही टूटे हुए चावलों का इस्तेमाल भगवान शिव की पूजा में बिल्कुल न करें। इस बात का ध्यान रखें कि पूजा में इस्तेमाल होने वाले चावल साबूत हो।

6. शिवलिंग पर आप तुलसी के पत्ते न चढ़ाएं। क्योंकि तुलसी को भी मां लक्ष्मी का ही रूप माना गया है। ऐसे में भोग लगाने के लिए भी तुलसी का इस्तेमाल न करें।

7. भगवान शिव की पूजा करते वक्त मंत्रों का उचारण गलत तरीके से भी न करें। क्योंकि इसका नकारात्मक प्रभाव आपके जीवन पर पड़ सकता है।

8. व्रत के वक्त किसी की भी बुराई न करें। ऐसा करने पर आपका व्रत भी सफल नहीं होगा। साथ ही भगवान शिव की पूजा भी अधूरी रह जाएगी।

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