देवी शीतला की आरती में भूलकर भी न करें ये 1 गलती, नहीं मिलेगा पूजा का फल

Published : Mar 19, 2025, 09:32 AM IST
sheetla mata ki aarti

सार

Sheetala Mata Aarti: इस बार शीतला माता का पूजन 21 और 22 मार्च को किया जाएगा। पूजन के बाद देवी शीतला की आरती भी की जाती है। जानें कैसे करें देवी शीतला की आरती? 

Sheetala Puja 2025: साल 2025 में शीतला सप्तमी की पूजा 21 मार्च, शुक्रवार और शीतला अष्टमी की पूजा 22 मार्च, शनिवार को की जाएगी। मान्यता है कि देवी शीतला की पूजा करने से शीतजन्य रोग जैसे चिकन पॉक्स आदि नहीं होते। पूजन के बाद देवी शीतला की आरती भी जरूर करनी चाहिए। तभी व्रत-पूजा का पूरा फल मिलता है। आगे जानिए देवी शीतला की आरती के लिरिक्स…

देवी शीतला की आरती में कौन-सी गलती न करें?

देवी शीतला की आरती दीपक जलाकर नहीं करना चाहिए क्योंकि इनकी पूजा में अग्नि तत्व का उपयोग नहीं किया जाता। देवी शीतला की आरती बिना दीपक जलाएं साधारण तरीके से करना चाहिए, तभी पूजा का पूरा फल मिलता है।

ये है देवी शीतला की आरती (Devi Sheetala Ki Arti Lyrics in Hindi)

जय शीतला माता, मैया जय शीतला माता ।
आदि ज्योति महारानी, सब फल की दाता ॥
ॐ जय शीतला माता..॥
रतन सिंहासन शोभित, श्वेत छत्र भाता ।
ऋद्धि-सिद्धि चँवर ढुलावें,
जगमग छवि छाता ॥
ॐ जय शीतला माता, मैया जय शीतला माता ।
विष्णु सेवत ठाढ़े, सेवें शिव धाता ।
वेद पुराण वरणत, पार नहीं पाता ॥
ॐ जय शीतला माता, मैया जय शीतला माता ।
इन्द्र मृदङ्ग बजावत, चन्द्र वीणा हाथा ।
सूरज ताल बजावै, नारद मुनि गाता ॥
ॐ जय शीतला माता,
मैया जय शीतला माता ।
घण्टा शङ्ख शहनाई, बाजै मन भाता ।
करै भक्तजन आरती, लखि लखि हर्षाता ॥
ॐ जय शीतला माता,
मैया जय शीतला माता ।
ब्रह्म रूप वरदानी, तुही तीन काल ज्ञाता ।
भक्तन को सुख देती, मातु पिता भ्राता ॥
ॐ जय शीतला माता,
मैया जय शीतला माता ।
जो जन ध्यान लगावे, प्रेम शक्ति पाता ।
सकल मनोरथ पावे, भवनिधि तर जाता ॥
ॐ जय शीतला माता,
मैया जय शीतला माता ।
रोगों से जो पीड़ित कोई, शरण तेरी आता ।
कोढ़ी पावे निर्मल काया, अन्ध नेत्र पाता ॥
ॐ जय शीतला माता,
मैया जय शीतला माता ।
बांझ पुत्र को पावे, दारिद्र कट जाता ।
ताको भजै जो नाहीं, सिर धुनि पछताता ॥
ॐ जय शीतला माता,
मैया जय शीतला माता ।
शीतल करती जननी, तू ही है जग त्राता ।
उत्पत्ति व्याधि बिनाशन, तू सब की घाता ॥
ॐ जय शीतला माता, मैया जय शीतला माता ।
दास विचित्र कर जोड़े, सुन मेरी माता ।
भक्ति आपनी दीजै, और न कुछ भाता ॥
जय शीतला माता,
मैया जय शीतला माता ।
आदि ज्योति महारानी, सब फल की दाता ॥
ॐ जय शीतला माता..॥

 

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