Mahesh Navmi 2025: कब है महेश नवमी 3 या 4 जून? जानें पूजा विधि, मंत्र और शुभ मुहूर्त

Published : May 30, 2025, 12:23 PM IST
mahesh navmi 2025 kab hai

सार

Mahesh Navmi 2025 Date: ज्येष्ठ मास में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कईं व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं। महेश नवमी भी इनमें से एक है। इस बार ये पर्व जून 2025 में मनाया जाएगा। ये पर्व मुख्य रूप से माहेश्वरी समाज के लोग मनाते हैं।

Mahesh Navmi Kab Hai: पुराणों के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर महेश नवमी का पर्व मनाया जाता है, इसे माहेश्वरी जयंती भी कहते हैं। इस पर्व पर भगवान शिव की पूजा का विधान है। वैसे तो ये पर्व सभी लोग मनाते हैं लेकिन माहेश्वरी समाज के लोग इस उत्सव का विशेष रूप से सेलिब्रेट करते हैं। ये लोग इस दिन लोग जुलूस आदि भी निकालते हैं। आगे जानिए साल 2025 में कब है महेश नवमी, इसकी पूजा विधि, मंत्र और शुभ मुहूर्त आदि की डिटेल…

कब है महेश नवमी 2025? (Kab Hai Mahesh Navmi 2025)

पंचांग के अनुसार, इस बार ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 03 जून, मंगलवार की रात 09 बजकर 56 मिनिट से शुरू होगी, जो 04 जून, बुधवार की रात 11 बजकर 54 मिनिट तक रहेगी। चूंकि ज्येष्ठ शुक्ल नवमी तिथि का सूर्योदय 4 जून को होगा, इसलिए इसी दिन महेश नवमी का पर्व मनाया जाएगा।

महेश नवमी 2025 शुभ मुहूर्त (Mahesh Navmi 2025 Shubh Muhurat)

- सुबह 07:24 से 09:04 तक
- सुबह 10:45 से दोपहर 12:25 तक
- दोपहर 03:45 से शाम 05:25 तक
- शाम 05:25 से 07:05 तक

महेश नवमी पूजा विधि और मंत्र (Mahesh Navmi Puja Vidhi-Mantra)

- 6 जून की सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें और इसके बाद हाथ में पानी, फूल और चावल लेकर व्रत का संकल्प लें और ये मंत्र बोलें
मम शिवप्रसाद प्राप्ति कामनया महेशनवमी-निमित्तं शिवपूजनं करिष्ये
- व्रत के नियमों का दिन भर पालन करें यानी एक समय भोजन करें। किसी की बुराई न करें। बुरे विचार मन में न लाएं। मन में भगवान का स्मरण करते रहें।
- ऊपर बताए गए किसी शुभ मुहूर्त में घर में किसी साफ स्थान पर शिव-पार्वती की प्रतिम या चित्र स्थापित कर पूजा शुरू करें।
- भगवान को तिलक लगाएं, फूलों की माला पहनाएं। शुद्ध घी का दीपक जलाएं। भगवान शिव को सफेद और देवी पार्वती को लाल वस्त्र अर्पित करें।
- एक-एक करके अबीर, गुलाल, जनेऊ, सुपारी, पान फूल और बिल्वपत्र आदि चीजें भगवान को चढ़ाते रहें। मन ही मन में ऊं महेश्वराय नम: मंत्र भी बोलते रहें।
- ये मंत्र बोलकर भगवान शिव से प्रार्थना करें-
जय नाथ कृपासिन्धोजय भक्तार्तिभंजन।
जय दुस्तरसंसार-सागरोत्तारणप्रभो॥
प्रसीदमें महाभाग संसारात्र्तस्यखिद्यत:।
सर्वपापक्षयंकृत्वारक्ष मां परमेश्वर॥
- अपनी इच्छा अनुसार भगवान को भोग लगाएं और फिर आरती करें। इस प्रकार महेश नवमी पर महादेव की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है।

शिवजी की आरती (Shivji Aarti Lyrics in Hindi)

जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा ॥
एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे ।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी।
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे ।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥


Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो ज्योतिषियों द्वारा बताई गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

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