Yogini Ekadashi vrat katha: कैसे एक कोढ़ी को मिली श्राप से मुक्ति? पढ़ें योगिनी एकादशी की रोचक कथा

Published : Jun 21, 2025, 08:26 AM IST
yogini ekadashi katha

सार

Yogini Ekadashi vrat katha: इस बार 21 जून, शनिवार को योगिनी एकादशी का व्रत किया जाएगा। इस व्रत की कथा भी बहुत रोचक है, इसे पढ़े बिना इस व्रत का पूरा फल नहीं मिलता। आप भी पढ़ें ये रोचक कथा। 

Yogini Ekadashi 2025: धर्म ग्रंथों के अनुसार, साल में कुल 24 एकादशी व्रत किए जाते हैं। इन सभी के नाम और महत्व अलग-अलग हैं। इन सभी एकादशियों से कोई न कोई रोचक कथा जरूर जुड़ी हैं, जिन्हें सुने बिना उस एकादशी का पूरा फल नहीं मिल पाता। योगिनी एकादशी भी इनमें से एक है। योगिनी एकादशी का व्रत आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष में किया जाता है। इस बार ये एकादशी 21 जून, शनिवार को है। आगे जानें कैसे एक कोढ़ी को योगिनी एकादशी के व्रत से दिव्य शरीर मिला और वो स्वर्ग गया?

योगिनी एकादशी कथा (Yogini Ekadashi katha)

धर्म ग्रंथों के अनुसार, किसी समय कुबेर की नगरी अलकापुरी में हेम नाम का एक माली रहता था। वह प्रतिदिन अपने राजा कुबेर के लिए मानसरोवर से दिव्य फूल लेकर जाता था, उन्हीं फूलों से कुबेर भगवान शिव की पूजा करते थे। कुबेर ने हेम माली को पहले ही सावधान किया था कि किसी भी कारण फूल लाने में देरी नहीं होनी चाहिए।
एक बार जब हेम माली भगवान शिव की पूजा के लिए फूल लेकर राजा कुबेर के पास जा रहा था तभी उसकी प्रेमिका वहां आ गई, जिससे वह कुछ देर के लिए अपने कर्तव्य को भूल गया और वहीं अपनी प्रेमिका के साथ रमण करने लगा। जब हेम माली कुबेर के पास पहुंचा तो देरी होने के कारण वे बहुत क्रोधित हुए।
राजा कुबेर ने क्रोधित होकर हेम माली को पृथ्वी पर कोढ़ी बनकर रहने का श्राप दिया। श्राप के फल से उसी समय हेम माली धरती पर आ गिरा और कोढ़ी का जीवन जीने लगा। एक दिन भटकते हुए वह मार्कण्डेय ऋषि के पास पहुंचा। उसने ऋषि से इस श्राप से मुक्ति का उपाय पूछा तो उन्होंने बताया कि ‘तुम आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की योगिनी एकादशी का व्रत करो। इससे तुम्हारा कल्याण होगा।’
हेम माली ने समय आने पर योगिनी एकादशी का व्रत बहुत ही सावधानी से किया और उस व्रत के प्रभाव से उसका कोढ़ खत्म हो गया। इतना ही नहीं योगिनी एकादशी व्रत के प्रभाव से हेम माली दिव्य शरीर धारण कर स्वर्ग को गया। इसलिए जो भी व्यक्ति योगिनी एकादशी का व्रत करता है, उसे ये कथा जरूर सुननी चाहिए।


Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

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