कब से और क्यों मनाया जा रहा है दिपावली उत्सव? ये हैं 7 अलग-अलग मान्यताएं

दीपावली का नाम सुनते ही मन में मिठाइयों, पटाखों, रंगोली आदि की यादें ताजा हो जाती हैं। इसे अगर हिंदुओं का सबसे बड़ा त्योहार कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। इस बार ये पर्व 27 अक्टूबर, रविवार को है।

Asianet News Hindi | Published : Oct 25, 2019 2:18 AM IST

उज्जैन. ये उत्सव लगातार 5 दिनों तक मनाया जाता है। इसमें हर दिन का अपना अलग महत्व है। दीपावली का पर्व क्यों मनाया जाता है, इससे जुड़ी कईं कथाएं व किवदंतियां हमारे धर्म ग्रंथों में मिलती हैं। आज हम आपको दीपावली से जुड़ी 7 ऐसी ही कथाएं व मान्यताएं बता रहे हैं, जो इस प्रकार हैं-

1. एक मत के अनुसार, भगवान श्रीराम का राज्याभिषेक इसी दिन हुआ था। इस अवसर पर दीप जलाए गए थे, घर-बाजार सजाए गए थे। मिठाइयां बांटी गई थीं, तबसे दीपावली मनाई जा रही है।
2. एक अन्य कथा के अनुसार, रावण को मारने के बाद भगवान श्रीराम इसी दिन अयोध्या आए थे। उनके आगमन की खुशी में नगरवासियों ने घी के दिए जलाए। उसी दिन से हर वर्ष कार्तिक अमावस्या को दीपावली मनाई जाती है।
3. भगवान वामन ने राजा बलि से दान में तीन कदम भूमि मांग ली और विराट रूप लेकर तीनों लोक ले लिए। इसके बाद सुतल का राज्य बलि को प्रदान किया। सुतल का राज्य जब बलि को मिला तब वहां उत्सव मनाया गया, तबसे दीपावली की शुरुआत हुई।
4. समुद्र मंथन के समय क्षीरसागर से महालक्ष्मीजी उत्पन्न हुई। उस समय भगवान नारायण और लक्ष्मीजी का विवाह प्रसंग हुआ, तबसे दीपावली मनाई जा रही है।
5. पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान विष्णु ने नरसिंह अवतार लेकर हिरण्यकश्यप का वध किया था। इसी दिन से दिवाली का पर्व मनाया जा रहा है।
6. द्वापरयुग में राक्षस नरकासुर ने 16 हजार औरतों का अपहरण कर लिया था। तब भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध किया और उन महिलाओं को मुक्त किया। कृष्ण भक्तिधारा के लोग इसी दिन को दीपावली के रूप में मनाते हैं।
7. एक अन्य मान्यता है कि आदिमानव ने जब अंधेरे पर प्रकाश से विजय पाई, तबसे यह उत्सव मनाया जा रहा है। इसी दौरान आग जलाने और उनके साधनों की खोज हुई। उस खोज की याद में वर्ष में एक दिन दीपोत्सव मनाया जाता है।

Share this article
click me!