नहाते समय ये 1 मंत्र बोलने से दूर हो सकता है बुरा समय और घर में बनी रहती है सुख-समृद्धि

शास्त्रों में दिन के सभी आवश्यक कार्यों के लिए अलग-अलग मंत्र बताए गए हैं। नहाते समय भी हमें मंत्र जाप करना चाहिए।

Asianet News Hindi | Published : Dec 19, 2019 3:50 AM IST

उज्जैन. ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार स्नान करते समय किसी स्तोत्र का पाठ किया जा सकता है या कीर्तन या भजन या भगवान का नाम लिया जा सकता है। ऐसा करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। बुरा समय और सभी परेशानियां दूर हो सकती हैं।

स्नान मंत्र का जाप करने से मिलता है तीर्थों में स्नान का पुण्य

गंगे च यमुने चैव गोदावरि सरस्वति।।
नर्मदे सिन्धु कावेरि जलऽस्मिन्सन्निधिं कुरु।।

इस मंत्र का जाप नहाते समय करना चाहिए।
इस मंत्र का अर्थ ये है कि हे गंगा, यमुना, गोदावरी, सरस्वती, नर्मदा, सिंधु, कावेरी नदियों! मेरे स्नान करने के इस जल में आप सभी पधारिए।

किस समय नहाने को कौन-सा स्नान कहते हैं
- जो स्नान ब्रह्ममुहूर्त में भगवान का चिंतन करते हुए किया जाता है, उसे ब्रह्म स्नान कहते हैं।
- सूर्योदय से पूर्व देवनदियों में अथवा उनका स्मरण करते हुए जो स्नान किया जाता है, उसे देव स्नान कहते हैं।
- सुबह-सुबह जब आकाश में तारे दिखाई दे रहे हों तब जो स्नान किया जाता है, उसे ऋषि स्नान कहते हैं।
- जो सामान्य स्नान सूर्योदय के पूर्व किया जाता है वह मानव स्नान कहलाता है।
- जो स्नान सूर्योदय के बाद चाय-नाश्ता करने के बाद 8-9 बजे तक या और बाद में किया जाता है, वह दानव स्नान कहलाता है।
- शास्त्रों के अनुसार हमें ब्रह्म स्नान, देव स्नान या ऋषि स्नान ही करना चाहिए। यही सर्वश्रेष्ठ स्नान हैं।

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