
10 Powerful Mantra Of Lord Ganesh: हिंदू धर्म में देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए अनेक मंत्र बताए गए हैं। इन मंत्र बहुत ही शक्तिशाली होते हैं जो असंभव को भी संभव कर देते हैं। भगवान श्रीगणेश के भी कुछ ऐसे मंत्रों के बारे में धर्म ग्रंथों में बताया गया है। इन मंत्रों का जाप अगर गणेश चतुर्थी पर किया जाए जो बड़ी से बड़ी मुसीबत दूर हो सकती है और दुर्भाग्य से बचा जा सकता है। आगे जानिए श्रीगणेश के ऐसे ही 10 सबसे शक्तिशाली मंत्र…
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विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय लम्बोदराय सकलाय जगद्धितायं।
नागाननाथ श्रुतियज्ञविभूषिताय गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते॥
अर्थ- गणेश जी विघ्न हरने वाले हैं, वर देने वाले हैं, देवताओं के प्रिय हैं, लंबोदर हैं, संसार का भला करने वाले हैं, जिनका मुख गज के समान है, जो वेद और यज्ञ से सजे हुए हैं। देवी पार्वती पुत्र को नमस्कार है। हे गणनाथ, आपको हम नमस्कार करते हैं।
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वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
अर्थ- जिनकी सूंड घुमावदार है, जिनका शरीर विशाल है, जो करोड़ सूर्यों के समान तेजस्वी हैं, वही भगवान मेरे सभी काम बिना बाधा के पूरे करने की कृपा करें।
अमेयाय च हेरम्ब परशुधारकाय ते।
मूषक वाहनायैव विश्वेशाय नमो नमः॥
अर्थ- हे हेरंब, आपको किसी भी तरह से मापा नहीं जा सकता। आप पशुओं को अपनाते हैं। आपका वाहन एक चूहा है। आप पूरे संसार के अधिपति हैं। आपको बार-बार नमस्कार है।
एकदन्ताय शुद्घाय सुमुखाय नमो नमः।
प्रपन्न जनपालाय प्रणतार्ति विनाशिने॥
अर्थ- जिनका एक दांत है, सुंदर मुख है। उन्हें नमस्कार है। जो शरण में आए लोगों की रक्षा करते हैं, जो सभी प्राणियों के दुखों को दूर करते हैं, उन्हें नमस्कार है।
एकदंताय विद्महे। वक्रतुण्डाय धीमहि। तन्नो दंती प्रचोदयात।।
अर्थ- अर्थ- भगवान एकदंत को हम प्रणाम करते हैं। वक्रतुंड भगवान का हम ध्यान करते हैं। दंती यानी गणेश जी हमारा कल्याण करें।
ऊं श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा।
अर्थ- हे गणपते, हे सौभाग्य देने वाले, सभी जनों को (मेरे) वश में करें, मेरा कल्याण करें और मुझे आशीर्वाद दें।
इदं दुर्वादलं ऊं गं गणपतये नमः
अर्थ- भगवान श्रीगणेश के दूर्वा चढ़ाते समय ये मंत्र बोलना चाहिए। इससे घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।
ऊं ग्लौम गौरी पुत्र, वक्रतुंड, गणपति गुरु गणेश।
ग्लौम गणपति, ऋद्धि पति, सिद्धि पति. करो दूर क्लेश ।।
अर्थ- हे गौरी के पुत्र, वक्रतुंड, गणपति और गुरु गणेश, आप मुझे शक्ति दें। हे ग्लौम (बीज मंत्र) गणपति, ऋद्धि-सिद्धि के स्वामी, मेरे क्लेश (दुःख) दूर करें।
ऊं गं गणपतये सर्व कार्य सिद्धि कुरु कुरु स्वाहा
अर्थ- हे भगवान गणेश, आप सभी बाधाओं को दूर करने वाले और बुद्धि के देवता हैं, कृपया मेरे सभी कामों में पूर्ण सफलता प्रदान करें।
ऊं गणानां त्वा गणपतिं हवामहे
अर्थ- गणों के स्वामी, कवि के कवि, और सभी से श्रेष्ठतम, हम आपका आह्वान करते हैं।
Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।